नंदोत्सव के साथ कृष्ण की बाल लीला प्रसंगों पर झूमे भक्तगण, चेहरों पर छाया उल्लास
नूतन महल प्रवेश महोत्सव के तहत श्रीमद् भागवत कथा का समापन मंगलवार को
भीलवाड़ा, 19 जून। भगवान को छप्पन भोग नहीं चाहिए वह तो माखन-मिश्री में ही प्रसन्न हो जाते है और चोरी भी माखन की ही करते है। भक्त का प्रेम सच्चा हो तो भगवान खींचे चले आते है और जिसने जग को बांध रखा वहीं प्रेम के वशीभूत हो बंध जाता है। भक्त वत्सल है भगवान कितना करें हम उनकी दयालुता का गुणगाण। भगवान को भक्ति व प्रेम से ही प्राप्त किया जा सकता है। ये विचार ठाकुर श्री दूधाधारी गोपालजी महाराज का नूतन महल प्रवेश महोत्सव के तहत नूतन महल प्रवेश महोत्सव समिति के तत्वावधान में अग्रवाल उत्सव भवन में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के छठे दिन सोमवार को व्यास पीठ से श्री निम्बार्काचार्य पीठाधीश्वर श्री श्यामशरण देवाचार्यश्री ‘श्रीजी’ महाराज ने नंदोत्सव व भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं से जुड़े प्रसंगों का वाचन करते हुए व्यक्त किए। उन्होेंने कहा कि भगवान ने दिव्य संकल्प लेकर कृष्णावतार लिया और जन्म लेते ही ब्रजमंडल की महिमा अनंत हो गई और नंद महोत्सव अनंत काल तक मनाया गया। माता यशोदा व नंद बाबा की जन्म-जन्मांतर की साधना सफल होने से भगवान उन्हें पुत्र रूप में प्राप्त हुए। श्रीजी महाराज ने बाल लीलाओं से जुड़े विभिन्न प्रसंगों का वर्णन करते हुए बताया कि किस तरह भगवान कृष्ण के सुंदर बाल दिव्य स्वरूप का दर्शन करने के लिए भगवान शंकर एवं ब्रह्माजी भी गोकुल में आए और बाल स्वरूप में भगवान ने किस तरह कई राक्षसों का वध कर उनका उद्धार किया। उन्होंने कहा कि विषपान कराने के लक्ष्य से राक्षसी पूतना ने भगवान को स्तनपान कराया तो भक्त वत्सल भगवान ने उसे माता मान उसका भी उद्धार किया। उन्होंने गर्गाचार्य द्वारा बलराम एव श्रीकृष्ण के नामकरण संस्कार प्रसंग की चर्चा करते हुए कहा कि वैसे तो भगवान के हजारों नाम है ओर जिस तरह की लीला करेंगे वैसा नाम हो जाएगा लेकिन आकर्षण उनका विशेष गुण होने से जो एक बार उनके दर्शन कर ले वह उनका हो जाता है इसीलिए नाम कृष्ण दिया गया। कृष्ण नाम लेने वाला भगवान का प्रिय हो जाएगा। उन्होंने बताया कि गोकुल में बाल कृष्ण पर बहुत खतरा देख यशोदा व नंदबाबा के साथ सभी गोकुलवासी वृन्दावन धाम में निवास करने लगते है तो ब्रजलीला शुरू होती है। भगवान कृष्ण की बाल लीलाएं सबको आंनद देने वाली है और देवता भी उनके दिव्य स्वरूप का दर्शन कर आनंदित हो जाते है। कथा के शुरू में श्रीजी महाराज का स्वागत करने वालों में राजस्थान बीज निगम के अध्यक्ष राज्यमंत्री धीरज गुर्जर, कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामपाल शर्मा, बीडी शूटिंग के चेयरमैन चन्द्रसिंह कोठारी, विनोदकुमार बम्ब, भागचंद बम्ब, जजमान नंदलाल ओमप्रकाश नराणीवाल, संपत नराणीवाल, केदार नराणीवाल, विनोद नराणीवाल, अमित नराणीवाल, पीयूष नराणीवाल, स्वागतकर्ता सुशील गंदोड़िया, मथरेस भराड़िया, रामबाबूजी, रूपचंद नवरतनमल प्रजापत, कृष्ण गोपाल सोनी, अग्रवाल समाज संपति ट्रस्ट के ट्रस्टी आदि शामिल थे। कथा के अंत में व्यास पीठ की आरती करने वालों में जजमान नंदलाल ओमप्रकाश नराणीवाल एवं परिवार के साथ राजकुमार अग्रवाल, पंकज अग्रवाल, गिरीश शर्मा, राधावल्लभ राठी, श्याम राठी, रमेश राठी, प्रहलाद भदादा, जगदीश भदादा, श्रीमती इन्द्रा नुवाल, हनुमानप्रसाद विशाल ईनाणी, श्री दूधाधारी गोपाल मंदिर की महिला मंडल की सदस्य आदि शामिल थे। अतिथियों का स्वागत आयोजन समिति द्वारा किया गया। श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिवस मंगलवार को शाम 4 से 7 बजे तक कथावाचन होगा।
भीलवाड़ावासियों की भक्ति बेजोड़, आंधी तूफान भी नहीं रोक पाया
श्रीजी महाराज ने धर्मनगरी भीलवाड़ावासियों की भक्ति भावना की सराहना करते हुए कहा कि यहां के भक्तों की बात ही अलग है। आंधी-तूफान ओर बारिश भी उन्हें श्रीमद् भागवत कथा श्रवण के लिए यहां आने से नहीं रोक पाया। उनके आने से ही आनंद का माहौल बन पाया है। श्रीजी महाराज के मुखारबिंद से श्रीमद् भागवत कथा श्रवण के लिए भीलवाड़ा शहर के हर क्षेत्र व आसपास के ग्रामीण अंचल से भी हजारों भक्तगण कथास्थल पर पहुंचे। मौसम की प्रतिकूलता के बावजूद भक्ति भावना से ओतप्रोत भक्तों का सैलाब इस तरह उमड़ रहा है कि विशाल पांडाल भी छोटा प्रतीत हो रहा है। समाज के हर वर्ग समुदाय से भक्तगण कथाश्रवण के लिए पहुंच रहे है।
मैया यशोदा जायो लाल बधाई बाजे गोकुल में
कथा के दौरान नदं उत्सव व कृष्ण की बाल लीलाओं से जुड़े प्रसंग आने से भक्तगण गीतों व भजनों पर झूमते रहे। जय-जय श्री राधे, श्री कृष्ण भगवान की जय, भक्त वत्सल भगवान की जय, कृष्ण कन्हैयालाल की जय, श्री भागवत भगवान की जय, श्री दूधाधारी गोपाल भगवान की जय, श्री निम्बार्क भगवान की जय आदि जयकारे गूंजते रहे। उन्होंने मैया यशोदा जायो लाल बधाई बाजे गोकुल में, जो भी मिटाना चाहे जीवन की तृष्णा सुबह-शाम बोलो कृष्णा-कृष्णा आदि भजनों व गीतों के माध्यम से श्रीकृष्ण भक्ति की ऐसी धारा प्रवाहित की जिसमें डूबकर कई श्रोता झूमते रहे।
ठाकुर श्री दूधाधारी गोपालजी महाराज का नूतन महल प्रवेश 21 को
ठाकुर श्री दूधाधारी गोपालजी महाराज का नूतन महल प्रवेश महोत्सव का मुख्य आयोजन बुधवार 21 जून को होगा। इस दिन ठाकुरश्री दूधाधारी गोपालजी महाराज नूतन महल में प्रवेश करेंगे। श्री निम्बार्काचार्य पीठाधीश्वर श्री श्यामशरण देवाचार्यश्री ‘श्रीजी’ महाराज के सानिध्य में सुबह 11.30 बजे मंदिर के शिखर पर ध्वजा एवं कलश स्थापना के साथ छप्पन भोग व फूल बंगला का आयोजन होगा। दोपहर 12.05 बजे श्री गोपाल यज्ञ पूर्णाहुति होगी। इस आयोजन को लेकर व्यापक स्तर पर तैयारियां की गई है।
Moolchand Peshwani