Female Naga Sadhu: सनातन धर्म में महाकुंभ का बहुत अधिक महत्व होता है। प्रयागराज में महाकुंभ लगने वाला है। इस साल 13 जनवरी 2025 से लेकर 26 फरवरी 2025 तक महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा। जिसमें साधु-संतों सहित नागा साधुओं सहित महिला नागा साधुओं का भी आगमन होगा। जी हां, महाकुंभ मेले से जुड़े कई रोचक बातें ऐसी हैं जो सिर्फ इस मेले में ही लोगों को पता चलती हैं और फिर मेले के साथ ही ये बातें फिर से जाकर कहीं लुप्त हो जाती है। इसी तरह कुछ रहस्यात्मक बातें महिला नागा साधुओं के बारे में भी है।
आइए जानते हैं महिला नागा साधुओं के बारे में कुछ विशेष बातें
जैसा कि हम सब जानते हैं कि महाकुंभ में बाबाओं, साधु-संतों सहित कई विद्वान लोगों का आगमन होता है वहीं दूसरी तरफ नागा साधुओं का महाकुंभ में आना एक आलौकिक घटना माना जाता है। इतना ही नहीं महाकुंभ में शाही स्नान का आरंभ भी सबसे पहले नागा साधुओं द्वारा ही किया जाता है। लेकिन महिला नागा साधुओं का आना अतिविशेष माना जाता है।
आखिर क्यों है महिला नागा साधुओं का महाकुंभ में आना विशेष?
जानकारों ने बताया कि वैसे तो महिला नागा साधु और पुरुष नागा साधु दोनों के लिए ही साधु बनने के नियम और प्रक्रिया एक ही होती है लेकिन फिर भी तप महिला साधुओं का ज्यादा कठिन माना जाता है। क्योंकि महिला नागा साधुओं को रजस्वला अवस्था यानी पीरियड्स के दौरान तपस्या में भाग लेना मान्य नहीं होता है। ऐसे में महिला नागा साधुओं के लिए कम अवधि में अपने तप और संकल्प को बिना किसी विग्घ्न के पूरा करने के लिए बाध्यता होती है। जिससे कि वे अपने रजस्वला अवस्था में पहुंचने से पहले ही अपना संकल्प पूरा कर लें।
संपूर्ण शक्ति से परिपूर्ण होती हैं महिला नागा साधु
महाकुंभ में जब महिला नागा साधु आती हैं तो वह अपनी संपूर्ण शक्ति से परिपूर्ण होती है और जब वे शाही स्नान के लिए उतरती हैं तो उनमें महिला रूपी बुरी ऊर्जाओं को नियंत्रित करने की शक्ति का संचार होता है। इसलिए माना जाता है कि महिला नागा साधु का दिखना बेहद ही शुभ होता है।
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