बार कॉन्सिल अधिवक्ता हितों के लिए सदैव तैयार व ततपर है-चेयरमेन घनश्याम सिंह राठौड़
युवा अधिवक्ता ही देश के संविधान,लोकतंत्र व समाज के असली रक्षक हैं -प्रोफेसर पूनम सक्सेना
जोधपुर |बार कौंसिल ऑफ राजस्थान की ओर से राजस्थान के युवा अधिवक्ताओं को प्रशिक्षण देने का पांच दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन मंगलवार 27 जून को राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, जोधपुर में मुख्य अतिथि माननीय मुख्य न्यायाधिपति राजस्थान उच्च न्यायालय एंव चांसलर,राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय,जोधपुर श्री ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह जी द्वारा किया गया।राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय,जोधपुर की वाइस चांसलर प्रोफेसर पूनम सक्सेना ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की।श्री घनश्याम सिंह राठौड़,अध्यक्ष,बॉर कौंसिल ऑफ राजस्थान,श्री बलजिंदर सिंह संधू,उपाध्यक्ष,बार कौंसिल ऑफ राजस्थान,श्री सुरेशचन्द्र श्रीमाली, सदस्य,बॉर कौंसिल ऑफ इंडिया व कार्यक्रम के संयोजक एवं वरिष्ठ अधिवक्ता श्री जगमाल सिंह जी चौधरी,बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के माननीय सदस्यगण सर्वश्री डॉ.सचिन आचार्य सह-अध्यक्ष,राजेश पंवार,नवरंग सिंह चौधरी,इन्द्रराज चौधरी सह-अध्यक्ष,कुलदीप कुमार शर्मा,सुशील कुमार शर्मा,चिंरजीलाल सैनी,आर.पी.सिंगारिया सह-अध्यक्ष, हरेन्द्र सिंह सिनसिनवार सुनील बेनीवाल,कॉपटेड सदस्य एडवोकेट मनोज आहूजा एवं वरिष्ठ अधिवक्तागण तथा राष्ट्रीय विधि विश्वविघालय के रजिस्ट्रार व अन्य अतिथिगण भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।
कार्यक्रम के संयोजक बार कॉन्सिल के उपाध्यक्ष बलजिंदर सिंह सांधू ने बताया कि पांच दिवसीय इस प्रशिक्षण शिविर में सम्पूर्ण राज्यभर से 268 युवा अधिवक्तागण शामिल हुए हैं।कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन के साथ करने के बाद अतिथियों का अभिनन्दन किया गया। इस मौक़े पर बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के अध्यक्ष श्री घनश्याम सिंह राठौड़ ने युवा अधिवक्ताओं को सम्बोधित करते हुए इस महत्वपूर्ण प्रशिक्षण का पूरा फायदा उठाने का आग्रह किया।श्री राठौड़ ने अपने सम्बोधन में कहा कि पिछले कई सालों से यह देखने में आया हैं कि कानूनी क्षेत्र में कई प्रकार की नई-नई चुनौतियां उभर कर बार एवं बेंच के समक्ष आ रही हैं।
उदाहरण के तौर पर ग्लोबलिसेशन एन्ड कोरपोरेट लॉ,साइबर क्राइम्स एवं आर्थिक अपराध इत्यादि।साथ ही साथ नियमों एवं अधिनियमों में आये दिन कई महत्वपूर्ण संशोधन होते रहते है।वर्तमान के बदलते परिवेश में इन चुनौतियों का सामना करने के लिए इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम की अत्यन्त आवश्यकता है तथा उन्होंने युवा अधिवक्ताओं से आग्रह किया की वे लेटेस्ट कानूनों की जानकारी से अपने आपको अपडेट करते रहे तथा उन्होंने अधिवक्ताओं को धैर्य के साथ हमेशा आगे बढने की सलाह दी एवं आश्वासन दिया कि बार कौंसिल अधिवक्ताओं के हितो के लिए हमेशा प्रयासरत रहेगी।बार कॉन्सिल ऑफ़ इंडिया के सह अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता श्री सुरेशचन्द्र श्रीमाली ने सभी युवा अधिवक्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस प्रशिक्षण का लाभ उठावें एवं बार कौंसिल ऑफ इंडिया ने हाल ही में यूके बार कौंसिल से एमआयू किया जिसके तहत पूरे भारत के युवा अधिवक्ता विदेशों में विधि कार्य कर सकेंगे और बाहर के अधिवक्ता भी पूरे भारत में कहीं भी कार्य कर सकेंगें,जिससे कि भारत में नये कानून एवं विचारों का आगमन हो सकेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, जोधपुर की कुलपति प्रोफेसर पूनम सक्सेना ने अपने भाषण में युवा अधिवक्ताओं को राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में पढाये जाने वाले तरीके एवं विषयों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया।उन्होंने सभी युवा अधिवक्ताओं से इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पढाये जाने वाले नये विषयों को लगन से समझने एवं स्वंय को अपडेट करने का सुझाव दिया, उन्होनें बार कौसिल ऑफ राजस्थान की प्रशंसा करते हुए उम्मीद जतायी की इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से निश्चय ही युवा अधिवक्ताओं को लाभ प्राप्त होगा।साथ ही युवा अधिवक्ताओं को बताया कि कठिन मेहनत एवं ईमानदारी से काम करने वाले इस नॉबेल प्रोफेशन में निश्चित रूप से सफल होते है और युवा अधिवक्ता ही इस देश के संविधान,लोकतंत्र व समाज के असली रक्षक है तथा यह भी कहा कि आज के युवा अधिवक्ता मानव अधिकारों की सुरक्षा बनाये रखने में अहम भूमिका निभा रहे है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय मुख्य न्यायाधिपति राजस्थान उच्च न्यायालय एंव चांसलर,राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय,जोधपुर श्री ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह जी ने अपने भाषण में बार कौंसिल ऑफ राजस्थान व राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय को बधाई देते हुए कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे इस कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर प्राप्त हुआ तथा उन्होने कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रशिक्षणार्थीयों को कहा कि यह प्रशिक्षण आपके न्यायालय में विधि के नये सिद्धान्त स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगा तथा न्यायालयों द्वारा पारित किये जाने वाले ऐतिहासिक आदेशों,निर्णयों का असल श्रेय भी अधिवक्ताओं द्वारा किये जाने वाले कठिन परिश्रम को ही जाता है। समाज में व्याप्त कुरूतियों को बदलने एंव उनमें परिवर्तन लाने का कार्य भी अधिवक्ताओं द्वारा ही किया जाता है।
साथ ही मुख्य अतिथि माननीय मुख्य न्यायाधिपति राजस्थान उच्च न्यायालय एंव चांसलर,राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय,जोधपुर श्री ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह जी ने अपने सम्बोधन में अपनी वकालात के शुरूआती दिनों के अनुभवों को भी साझा किया तथा कहा कि युवा अधिवक्ताओं को अपनी सफलता का निर्धारण पैसों से न कर स्वयं की आत्मसंतुष्टि से करनी चाहिए तथा उन्हे ईश्वर में विश्वास रखने, कठिन परिश्रम करने तथा स्वयं पर आत्मविश्वास रखते हुए जीवन में निष्ठापूर्वक आगे बढने का सुझाव दिया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के सह-संयोजक एवं बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के उपाध्यक्ष श्री बलजिंदर सिंह संधू ने कार्यक्रम के अन्त में अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर अंजली थानवी,असिस्टेंट प्रोफेसर,एनएलयू जोधपुर ने किया।उदघाटन कार्यक्रम के पश्चात प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत में द्वितीय पारी में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की फेकल्टी के मेम्बर्स द्वारा प्रशिक्षणार्थीयों को अध्यापन कराया गया तथा बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के पूर्व अध्यक्ष एवं सदस्य श्री नवरंगसिंह चौधरी ने श्रमिक विधि विषय पर एवं श्री चिरंजीलाल सैनी ने ” आर्ट ऑफ़ रीडिंग एंड साइटिंग जजमेंट्स ” विषय पर तथा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत मुख्य न्यायाधीश श्री गोविन्द माथुर ने “कंस्टीटूशन ऑफ़ इंडिया विषय पर पर अपने व्याख्यान दिए।बार कॉन्सिल ऑफ़ राजस्थान के सचिव आरपी मलिक ने बताया कि पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के अंतिम दिवस पर होने वाले कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीपति पुष्पेंद्र सिंह भाटी होंगे।
मूलचन्द पेसवानी