सद्भावना ग्राम योजना के तहत ब्लॉक मुख्यालय शंकरगढ़ में हुई बैठक

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गांव के विकास में विरोधी भी बने सहायक तभी होगा क्षेत्र का विकास-पूर्व आई ए एस डॉ अजय शंकर पांडे

प्रयागराज। विकासखंड शंकरगढ़ में आयोजित सद्भावना ग्राम योजना अंतर्गत विकास को आगे बढ़ाने को लेकर पूर्व मंडलायुक्त झांसी डॉ अजय शंकर पांडे ने एक गोष्ठी आयोजित की जिसका मकसद गांव के विकास में सहयोगी बनने की पहल पर सद्भावना संदेश देना था। इस कार्यक्रम में वर्तमान प्रधानों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। वही गोष्ठी में डॉ अजय शंकर पांडे ने वर्तमान प्रधानों को बताया कि सद्भावना ग्राम योजना का क्रियान्वयन किया गया है। परिणाम स्वरूप पंचायत प्रतिनिधियों की कार्य शैली में परिवर्तन लाना है ग्रामीण विकास में सभी प्रतिनिधि यहां तक कि पंचायत चुनाव में विपक्षी पराजित उम्मीदवारों को भी साथ लेकर चलने की योजना है।ग्रामीण विकास का कार्य सौंदर्य पूर्ण ढंग प्रगति के मार्ग पर अग्रसर करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रयागराज एक सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, सामाजिक, सद्भावना की नगरी के रूप में विख्यात है। इस परंपरा को सुखी और समृद्ध बनाने के लिए इस योजना का सफल क्रियान्वयन पूरे प्रदेश के लिए अनुकरणीय होगा। उन्होंने अपील किया कि सद्भावना करने के लिए काफी पहल और प्रयासों से हम सदैव आपके साथ हैं और हमेशा रहेंगे। बुंदेलखंड के कई जिलों में इसे शुरू किया गया है,संगम नगरी में बीते 5 जून 2023 को उरुवा ब्लॉक से इसकी शुरुआत हो चुकी है जहां हारे और जीते प्रत्याशियों के साथ बैठक की गई और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की गई। गांव में शांति और सद्भावना के लिए यह नीति शुरू की गई है हमेशा से ऐसा देखा जाता है कि गांव के रुके हुए विकास का एक मुख्य कारण गांव की ही राजनीति होती है इनमें जीते हुए प्रधान और हारे हुए प्रधान प्रत्यासी का अंतर्द्वंद पूरे 5 वर्ष बना रहता है जिसका खामियाजा गांव के लोगों को भुगतना पड़ता है। अब सरकार ने इस से भी निजात पाने के लिए एक तरीका ढूंढ लिया है जहां चुनाव का जीता प्रत्याशी और हारा प्रत्याशी मिलकर गांव की तस्वीर को बदलने में सहयोग करेंगे। इस योजना का नाम सद्भावना योजना रखा गया है हर गांव को आदर्श गांव बनाने के लिए संगम नगरी में यह अनूठा पहल शुरू हो चुका है चुनाव में प्रधान चुने गए और दूसरा स्थान हासिल करने वाले प्रत्याशी को एक साथ लाया जाएगा इसमें हारे हुए प्रत्याशी को विकास सलाहकार के रूप में नियुक्त किया जाएगा। निर्वाचित व पराजित प्रधान प्रत्याशियों के साथ बैठक होगी दोनों संयुक्त रूप से योजना के लिए आवेदन करेंगे खुली बैठक में योजना बनाई जाएगी गांव में सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करके प्रत्याशी एक दूसरे को माला पहनाते हुए बैच लगाकर एकता का संदेश भी देंगे। एक खास बात यह है कि खंड विकास अधिकारी दोनों को विजिटिंग कार्ड और प्रमाण पत्र वितरित करेंगे दोनों जब भी किसी अधिकारी के कक्ष में जाएंगे तो अधिकारी खड़े होकर उनका स्वागत करेंगे इनका लेटर पैड अलग रंग का होगा इन के संयुक्त हस्ताक्षर वाले आवेदन पर तुरंत कार्यवाही होगी इनके लिए पृथक रजिस्टर बनेगा। खंड विकास अधिकारी इन आवेदनों की निगरानी और जवाबदेही तय करेंगे। आगे उन्होंने बताया कि गांव में शांति और सद्भावना के लिए यह नीति शुरू की गई है बाद में जिला प्रशासन के साथ इसे हर ग्राम पंचायत में लागू कर दिया जाएगा। कार्यक्रम में मुख्य रूप से पूर्व मंडलायुक्त झांसी डॉ अजय शंकर पांडे, खंड विकास अधिकारी शंकरगढ़ रामविलास राय, ब्लाक प्रमुख निर्मला देवी, प्रधान संघ अध्यक्ष पुष्पराज सिंह सहित विकासखंड के तमाम प्रधान गणगौर ग्रामीण लोग मौजूद रहे जिसमें आपसी सद्भाव के साथ गांव में विकास की बात की गई।


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