भीलवाड़ा में मातृशक्ति द्वारा निकाली गई सिंदूर तिरंगा शौर्य यात्रा, भारतीय सेना के पराक्रम को किया नमन


भीलवाड़ा|भारतीय सेना द्वारा हाल ही में सफलतापूर्वक संपन्न किए गए ऑपरेशन सिंदूर की गौरवगाथा को समर्पित एक विशेष आयोजन में सोमवार को भीलवाड़ा की सड़कों पर देशभक्ति का अनुपम दृश्य देखने को मिला। महिला जिला समिति के तत्वाधान में विभिन्न महिला संगठनों की सहभागिता से एक भव्य सिंदूर तिरंगा शौर्य यात्रा का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य भारतीय सेना के अदम्य साहस को सम्मान देना और उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करना था।

शौर्य यात्रा की शुरुआत अंबेडकर चैराहे से हुई, जहाँ पूर्व अजमेर जिला प्रमुख व सिंदूर यात्रा सहसंयोजक वंदना नोगिया, भाजपा जिला अध्यक्ष प्रशांत मेवाड़ा, पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर और नगर निगम महापौर राकेश पाठक ने बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर यात्रा को हरी झंडी दिखाई। यात्रा में पूर्व सैनिक, महिला प्रतिनिधिगण और सैकड़ों महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

भाजपा जिला मीडिया प्रभारी महावीर समदानी ने जानकारी दी कि इस आयोजन की जिला संयोजक बरजी देवी भील, जिला सहसंयोजक मंजू पालीवाल और मोहनी माली के नेतृत्व में यात्रा को दिशा दी गई। शौर्य यात्रा अंबेडकर सर्किल से प्रारंभ होकर गोलप्याऊ चैराहा, बालाजी मार्केट, पेच के बालाजी होते हुए सूचना केंद्र चैराहे पर संपन्न हुई, जहाँ ऑपरेशन सिंदूर में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई।

इस दौरान वंदना नोगिया और बरजी देवी भील ने जनसमूह को संबोधित करते हुए भारतीय सेना के पराक्रम को नमन किया और मातृशक्ति की भागीदारी को गर्व की बात बताया। उन्होंने कहा कि यह यात्रा न केवल शहीदों को श्रद्धांजलि है, बल्कि माताओं और बहनों की ओर से सेना के प्रति आभार का प्रतीक भी है।

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यात्रा के दौरान महिलाएं हाथों में तिरंगा झंडा, देशभक्ति से ओतप्रोत तख्तियां, शहीदों के चित्र लिए अनुशासित ढंग से दो-दो की कतारों में चल रही थीं। श्भारत माता की जयश् और श्भारतीय सेना जिंदाबादश् जैसे नारों से वातावरण गूंज उठा। देशभक्ति गीतों और गगनभेदी नारों के साथ शहर में उत्सव का माहौल बन गया।

इस आयोजन में प्रहलाद त्रिपाठी, मंजू चेचानी, ज्योति आशीर्वाद, सुमित्रा पोरवाल, ललिता समदानी, मधु शर्मा, आरती कोगटा, मंजू पंचोली, कांता शर्मा, रेखा परिहार, मधुबाला महाजन, अनुराधा पवार, नैना स्वर्णकार, पुष्पा गारु, साधना सोनी समेत बड़ी संख्या में महिलाओं ने सहभागिता की।

यह यात्रा भीलवाड़ा की मातृशक्ति की राष्ट्रभक्ति, साहस और संगठित शक्ति का प्रतीक बनकर सामने आई। महिलाओं का यह योगदान सामाजिक और राष्ट्रीय चेतना को नई दिशा देने वाला है।


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