अमृत सरोवर का अमृत ले गए अफसर उड़ रही धूल


खुद प्यासे अमृत सरोवर तालाब बूंद भर पानी नहीं बने खेल मैदान

प्रयागराज। जनपद के यमुनानगर विकासखंड शंकरगढ़ व जसरा में वर्षों पहले बड़े पैमाने पर अमृत सरोवर तालाबों का काम शुरू हुआ था। दोनों ब्लॉकों के गांवों में कुल 109 तालाब को अमृत सरोवर के तहत चिन्हित कर मनरेगा योजना के तहत कार्य शुरू कराया गया था। लेकिन 2 वर्ष से ज्यादा का समय बीत जाने के बावजूद भी शंकरगढ़ ब्लाक के चयनित 41 व जसरा ब्लाक में 68 तालाबों में चयनित अधिकांश अमृत सरोवर अधूरे हैं। वहीं विभागीय अधिकारियों के मुताबिक चयनित अमृत सरोवरों पर कार्य चल रहा है मगर जमीनी हकीकत और तस्वीरें कुछ और ही बयां कर रही है। जल संचयन के लिए बनाए गए अमृत सरोवर खुद प्यासे हैं बूंद भर पानी नहीं है और अब खेल के मैदान बन गए हैं। अधिकांश तालाबों में पानी नहीं है जिससे पशु पक्षियों मवेशियों की प्यास नहीं बुझ पा रही है। तालाब में धूल उड़ रही है बच्चे साइकिल दौड़ा रहे हैं क्रिकेट खेल रहे हैं वहीं कई तालाबों का कम आधा अधूरा पड़ा हुआ है मगर सरकारी फाइलों में सब चाक चौबंद है। लेकिन तस्वीरें जो बयां कर रही है वह अपने आप से कह रही हैं कि हम तालाबों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। वही ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान और सचिव की आपसी बंदर बांट के चलते यह योजना कुछ गांवों में धड़ाम हो गई है। पशु पक्षी और ग्रामीण पानी से बेहाल है लेकिन आज तक अमृत सरोवरों में पानी नहीं भरवारा गया। ग्रामीणों के मुताबिक शंकरगढ़ के कोहड़िया, सुरवल साहनी, कल्याणपुर, चंदरा, जरखोरी, सेमरी तरहार आदि और जसरा में चिल्ला गौहानी, घूरी,छीड़ी, बारा,जारी, मनकवार सहित दर्जनों गांवों में अमृत सरोवर आज भी अधूरे पड़े हैं। अमृतसरोवर तालाबों के सौंदर्यीकरण में चारों तरफ पौधे लगवाए गए थे मगर वह अब सूख कर कांटे बन गए हैं। शासन का निर्देश था कि गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इन्हीं अमृत सरोवर तालाबों पर ध्वजारोहण किया जाएगा। उस वक्त विभागीय अधिकारियों ने तालाबों की साफ सफाई और रंगाई पुताई का कार्य कराया था इसके बाद जिम्मेदार अधिकारी इसकी सुध लेना ही भूल गए जिसका नतीजा है कि सरकार की योजना आज ग्रामीणों के लिए बेकार साबित हो रही है। बिना देख रेख के अमृत सरोवर तालाब अपनी बेबसी पर आंसू बहाने को मजबूर हैं।


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