शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर (जनता क्लिनिक) आवासन मंडल स्टाफ की गुटबजी का शिकार


डाक्टर भी नहीं कर रहा पूरी ड्यूटी, आम जन परेशान

सवाई माधोपुर 27 मई। सरकार ने आमजन को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए शहरी क्षेत्र में शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर (जनता क्लिनिक) संचालित किए हैं। जहाँ एजेंसी के माध्यम से सात लोगों का स्टाफ भी लगाया गया है। लेकिन हाऊसिंग बोर्ड में संचालित शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर में प्रभारी ड्यूटी डॉक्टर की मनमानी के चलते जहाँ आमजन को चिकित्सा सुविधा नही मिल पा रही है। लोग बेहद परेशान है।
चर्चा यह भी है कि डॉक्टर और स्टाफ के बीच तालमेल नही होने के कारण पांच लोगों में भी गुट बजी हावी हो रही है।
जानकारी मिली है कि आरोग्य मंदिर प्रभारी डॉक्टर देवेंद्र गौतम समय पर अस्पताल नही आते हैं और आते भी है तो एक आध घंटे के लिए।
स्टॉफ के कुछ कार्मिको के मुताबिक डॉक्टर देवेंद्र गौतम आरोग्य मंदिर के साथ ही एक निजी अस्पताल में भी सेवाएं देते बताए। जिसके कारण वे शहरी आयुष्मान आरोग्य मन्दिर समय पर नही आते और कई बार तो दो-दो ,तीन-तीन दिन तक गायब रहते है। हाउसिंग बोर्ड स्थित शहरी आयुष्मान आरोग्य मन्दिर की व्यवस्थाओं को लेकर जब मीडिया को पता चला तो मीडिया टीम भी वहाँ पंहुँची, तो पाया कि डॉक्टर साहब ड्यूटी से गायब हैं। मीडिया के अस्पताल पहुंचने का जब डॉक्टर साहब को पता चला तो डॉक्टर साहब भागते दौड़ते आनन फानन में अस्पताल पहुँचे और अपने स्टाफ पर यह कहते हुये भड़क गये और कहने लगे कि आप लोग ही मीडियाकर्मियों सहित अन्य लोगो को बुलाते हो ताकि यहां का माहौल खराब हो।
जानकार सूत्रों ने बताया कि डॉक्टर गौतम ने सारे घटना क्रम के बाद एएनएम नेहा शर्मा नामक कार्मिक को कारण बताओ नोटिस तक जारी कर दिया। एएनएम नेहा शर्मा और महिला स्टाफ चंचल शर्मा का कहना था कि डॉक्टर देवेंद्र गौतम खुद तो कभी टाइम पर अस्पताल आते नही ओर अगर पीछे से कोई जांच के लिए आ जाता है तो स्टॉफ पर शक करते हुये स्टाफ के साथ अभद्रता करते है और नोटिस देकर बेवजह स्टाफ को परेशान करते हैं। उनका कहना था कि डॉक्टर साहब की मनमानी का आलम यह है कि डॉक्टर साहब अस्पताल के उपस्थिति रजिस्टर में चिकित्सक के हस्ताक्षर वाले कॉलम में भी कांटछांट कर देते हैं। जो डॉक्टर की उपस्थिति पर भी सवाल खड़े करता है।
जानकारी के अनुसार अस्पताल का समय प्रातः 8 से दोपहर 2 बजे तक है। लेकिन डॉक्टर साहब कभी 10 बजे तो कभी 11 बजे आते बताए और कुछ देर रुकने के बाद चले जाते हैं। हाऊसिंग बोर्ड में चर्चा है कि डॉक्टर साहब की ना तो अपने स्टाफ से बनती है ओर ना उनको यहाँ आने वाले मरीजों से कोई मतलब है। वे तो बस यहाँ नाम के लिए नौकरी कर रहे हैं।
शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर में चिकित्सा प्रभारी के पद पर डॉ. देवेन्द्र गौतम कार्यरत हैं। जबकि इनके अलावा छह स्टाफ तैनात है, जिनमें चार महिला स्टाफ व दो पुरुष स्टाफ है। ड्यूटी पर आने के दौरान सभी को उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर करने होते हैं। चिकित्सा प्रभारी देवेंद्र गौतम के 13 मई के कॉलम में कांटछांट कर हस्ताक्षर किए गए बताए। जबकि स्टाफ के मोबाइल ग्रुप में चिकित्सा प्रभारी ने 13 मई को मैसेज डालकर अवगत कराया है कि वे 13 व 14 मई को अवकाश पर रहेंगे। अब सवाल खड़ा होता है कि जब चिकित्सा प्रभारी अवकाश पर थे तो कॉलम में कांटछांट कर हस्ताक्षर क्यों किए गए हैं। डॉक्टर के रवैये का विरोध करने पर डॉक्टर साहब स्टाफ को कारण बताओ नोटिस जारी कर देते हैं।
जैसा कि एएनएम नेहा शर्मा को कर दिया। एएनएम नेहा शर्मा का कहना है कि डॉक्टर देवेंद्र गौतम की मनमानी से पूरा स्टाफ परेशान है। इसे लेकर सीएमएचओ से भी शिकायत की गई, लेकिन आजतक डॉक्टर के विरुद्ध कोई कारवाही नहीं हुई।
इस सारे घटना क्रम पर डॉक्टर देवेंद्र गौतम का कहना है कि महिला स्टॉफ अपने रसूख की धौंस देती है और मनमर्जी के अनुसार काम करती है। कुछ कहो तो बदतमीजी करती है जिसके चलते एएनएम को कारण बताओ नोटिस दिया गया है।


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