दारू के ठेकेदार बिकवा रहे गली गली अवैध शराब, आबकारी अमला मौन


गांव की गलियों में बिक रही 75 की जगह 100 रुपए में सरकारी ठेके की देसी दारू

आखिर किसकी सह पर बिक रही गांवों में परचूनों की दुकान पर अवैध शराब

प्रयागराज। देसी शराब के पौवे कहां मिलेंगे यह पूछते ही हर कोई बता देगा कि ठेके पर चले जाओ लेकिन अगर अपने घर के पास ही पौवा खरीदना है तो दूर मत जाइए। थोड़ा ओवर रेट 75 की जगह ₹100 देना होगा पर परचूनों की दुकान पर यह आसानी से मिल जाएगा। साथ में नमकीन के पाउच पानी की थैली और प्लास्टिक के गिलास की सुविधा भी मिल जाएगी। सवाल यह उठता है कि गली मोहल्ले में परचूनी की दुकानों पर देसी शराब के पौवे आसानी से कैसे मिल रहे हैं और धंधेबाजों को किसका संरक्षण प्राप्त है यह तो विभागीय जांच के बाद ही पता लगेगा लेकिन एक बात तो साफ है कि धंधेवाजों ने घर बैठे कमाई का फंडा अपनाया है। शंकरगढ़ क्षेत्र के गांव गांव और गली-गली में शराब के ठेकेदारों द्वारा परचून की दुकानों पर बिकवाई जा रही अवैध रूप से सरकारी ठेके की शराब समाज में कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगा रही है। जहां गांवों का माहौल खराब हो रहा है वही युवा पीढ़ी भी नशे की लत की आदी होती जा रही है। जिससे सैकड़ो ऐसे परिवार है जो उजड़ने की कगार पर हैं। ऐसा भी नहीं की गांवों में बिक रही अवैध रूप से ठेके की शराब के कारोबार की जानकारी जिले के आबकारी विभाग और पुलिस प्रशासन को ना हो, किंतु जानकारी के बावजूद भी अवैध शराब की बिक्री पर लगाम न लगने से आबकारी और पुलिस विभाग की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में खड़ी होती दिखाई दे रही है। क्षेत्र के कई गांवों की स्थिति यह है कि गांव वालों को पानी तलाशने में भले ही मीलों भटकना पड़ता हो पर मदिरा प्रेमियों को गांव में बिना मशक्कत किये ही शराब उपलब्ध हो जा रही है। अवैध रूप से गांव-गांव में संचालित हो रही अवैध शराब की दुकानों ने गांवों का माहौल दूषित कर दिया है। क्षेत्र में शराब के कारण दिनों दिन अपराधों में वृद्धि हो रही है। साथ ही आसानी से शराब उपलब्ध हो जाने से भोले भाले ग्रामीण व युवा वर्ग शराब की लत में जकड़ता जा रहा है। सूत्रों की माने तो ऐसे बहुत कम गांव होंगे जहां अवैध रूप से शराब बिक्री नहीं हो रही हो। गांव गांव तक शराब पहुंचाने के लिए ठेकेदार द्वारा स्थानीय जिम्मेदारों से सांठगांठ करके बाइक द्वारा परिवहन किया जा रहा है। इसके बावजूद भी प्रशासन अवैध शराब का व्यापार करने वालों से दूर है। इसी वजह से शराब कारोबारियों के हौसले बुलंद है और धड़ल्ले से अवैध शराब का कारोबार संचालित हो रहा है और अवैध शराब की बिक्री को रोकने के मामले में सरकारी सिस्टम फेल साबित हो रहा है। क्षेत्रीय ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से गांव में बिक रही अवैध तरीके से सरकारी ठेके की शराब पर पाबंदी लगाने की मांग उठाई है।


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