डीग 1 जून|अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता मंच का राष्ट्रीय अधिवेशन प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय तीन मूर्ति भवन परिसर नई दिल्ली में संपन्न हुआ ।
इस दौरान पूरे देश में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने ,अधिवक्ताओं के लिए पेंशन ,मेडिक्लेम, स्वास्थ्य बीमा , स्टाइपेंड देने,अधिवक्ताओं के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने की मांग का प्रस्ताव पारित कर इसके लिए आंदोलन का आगाज किया गया।
राष्ट्रीय अधिवेशन में अधिवक्ताओं की वर्तमान स्थितियों और चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए मंच के भरतपुर संभाग अध्यक्ष आनंद प्रकाश पटेल ने राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि एक समय था जब इस देश का सर्वोच्च राजनीतिक नेतृत्व अधिवक्ता वर्ग के हाथों में था ।लेकिन आज अधिवक्ताओं को एक षड्यंत्र के तहत राजनीतिक नेतृत्व से दूर कर दिया गया है। जिससे अधिवक्ताओं के कल्याण और उनकी सुरक्षा के लिए कोई भी कार्य योजना और कोई भी स्कीमें लागू नहीं हो पाई राजस्थान देश का पहला राज्य है जिसने अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया है ।लेकिन राज्यपाल द्वारा अधिनियम पर हस्ताक्षर नहीं होने से वह भी अधर में लटका हुआ है। राजस्थान सहित पूरे देश में अधिवक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देश में अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम लागू किया जाना आवश्यक है। जिससे भारतीय न्याय व्यवस्था पूरी तरह से सुरक्षित हो सके इसके लिए आंदोलन भी करना पड़ा तो आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे ।उन्होंने आंदोलन के लिए तैयार रहने का आव्हान किया ।
राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्र कुमार बलेजा ने अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता मंच के उद्देश्य और लक्ष्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा मंच हमेशा से एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट ,अधिवक्ताओं के मौलिक अधिकारों की रक्षा उनके कल्याण उनकी सुरक्षा, पेंशन स्टाइपेंड मेडिक्लेम ,बीमा के लिए निरंतर संघर्ष कर रहा है ।जो आगे भी जारी रहेगा और जरूरत पड़ने पर उनके लिए बड़ा आंदोलन भी किया जाएगा जिसके लिए अधिवक्ता तैयार रहे।
प्रदेश अध्यक्ष मनोहर चंचलानी ने राजस्थान की तर्ज पर पूरे देश के अधिवक्ताओं द्वारा आंदोलन करने की आवश्यकता बताया।
अधिवेशन में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर पूरे देश में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने, अधिवक्ताओं के लिए पेंशन मेडिक्लेम स्वास्थ्य बीमा स्टाइपेंड और उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा करने की मांग का प्रस्ताव पारित किया और इसके लिए आंदोलन का आगाज किया।
अधिवेशन में महाराष्ट्र, गुजरात ,मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ ,उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, तमिलनाडु , हरियाणा सहित देश के 19 राज्यों के अधिवक्ता प्रतिनिधि और मंच के पदाधिकारी उपस्थित थे।