चारा पानी के बदले बेजुबान गोवंशो को पड़ रही लाठी की मार; गो आश्रय स्थल की योजनाएं सिर्फ कागजों पर चाक चौबंद
कड़कड़ाती धूप में खुले आसमान के नीचे भूख प्यास से तड़पते गोवंश; रूखा सूखा भूसा खिलाकर गोवंशों को मौत के मुंह में धकेल रहे जिम्मेदार
योगी सरकार के आदेशों व निर्देशों की जिम्मेदार उड़ा रहे धज्जियां
प्रयागराज। बिहार का चारा घोटाला चर्चित जरूर रहा है मगर अब उत्तर प्रदेश में अगर गहनता से जांच हो जाए तो पता नहीं कितने रुपए का भूसा घोटाला सामने आ जाएगा। मगर ऐसा होगा नहीं क्योंकि पता नहीं कितने सरकारी अफसरों की कुर्सी के नीचे से जमीन खिसक जाएगी। पता नहीं कितने सरकारी अफसरशाही जिम्मेदार जेल के सलाखों के पीछे पहुंच जाएंगे इसलिए यह जांच होना बहुत कठिन है। बताते चलें कि जनपद के यमुनानगर विकासखंड शंकरगढ़ के ओढगी तरहार में गोवंशों को ना तो ठीक से भूसा दिया जाता है, और ना ही कोई समुचित व्यवस्थाएं हैं। सारी की सारी व्यवस्थाएं बंटाधार है, कभी कभार गोवंशों को भूसा डलवा कर सिर्फ और सिर्फ अपने कागजों की खाना पूर्ति की जाती है। गुरुवार को जब मीडिया टीम ने गौ आश्रय स्थल का दौरा किया तो गौशाला में भूख प्यास से तड़प रहे गोवंशों ने सरकार के दावों की पोल खोल कर रख दी। गो आश्रय स्थल में भूख प्यास से तड़प – तड़प कर दम तोड़ रहे हैं गोवंशों की तस्वीरें हकीकत बयां कर रही हैं। जहां पर इन दिनों चारा भूसा और समुचित इलाज के अभाव में बेजुबान गोवंश अपना दम तोड़ रहे हैं। सरकार की ओर से चलाई जा रही योजना सिर्फ कागजों तक सिमट कर रह गई है। प्रति महीना लाखों रुपए भूसा, चूनी, चोकर, पौष्टिक आहार,इलाज व कर्मचारियों पर खर्च किया जाता है। मगर तस्वीरें बयां कर रही है कि सारी सुविधाएं सिर्फ कागज पर ही सीमित हैं। खुले आसमान के नीचे जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे गोवंश अपनी जिंदगी की भीख मांग रहे हैं। इससे साफ प्रतीत होता है कि उन्हें भरपूर मात्रा में पौष्टिक आहार नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में गोवंशों के संवर्धन के लिए योगी सरकार की योजनाएं धरातल पर कैसे साकार होंगी जो सिस्टम पर सवालिया निशान खड़ा करता है। इस बाबत जब जिम्मेदारों से बात की गई तो उन्होंने सिर्फ अपना पल्ला झाड़ते हुए एक दूसरे पर जिम्मेदारी का गोलमोल जवाब देकर मामले की इति श्री कर दिया। बता दें कि वहीं महिला ग्राम प्रधान सलिला देवी के पति कृष्ण कुमार प्रजापति उर्फ बडेलाल जो दबंग किस्म के हैं गौशाला में ही गुंडो को संरक्षित कर रखा है जो गौशाला के गेट में अंदर से ताला लगा कर रखते हैं। गौशाला का ताला खोलने के लिए जब कहा गया तो ताला नहीं खोला गया। इस बाबत बीडीओ मनोज सिंह व सचिव शशिकांत से दूरभाष द्वारा जानकारी दी गई तो उनके द्वारा कहा गया कि गेट में अंदर से ताला लगाने का प्रावधान नहीं है। उनके द्वारा कहा गया कि वहां पर मौजूद गोपालकों से बात करवाइए तो उन पालित पोषित गुंडो के द्वारा कहा गया की गौशाला की देखभाल हम करते हैं कौन होते है वीडियो और सचिव आदेश देने वाले वह दोनों तो सिर्फ मलाई मारते हैं और हुकुम चलाते हैं हम लोग दिन भर गोवंशों की तकवारी करते हैं। ऐसे में जब गौशाला का गेट नहीं खोला गया तो ड्रोन कैमरे से फोटो वीडियो शूट की गई।

2008 से लगातार पत्रकारिता कर रहे हैं। 2008 से 2019 तक सर्वोदय वार्ता, सर्वोदय वार्ता मैगजीन में। 2020 से 2021 तक इंडियन लाइव टीवी में । 2021 से 2023 तक दैनिक समाचार पत्र पूर्वांचल स्वर प्रयागराज में। 2023 से 2024 तक दैनिक समाचार पत्र लक्ष्मण नगर जंक्शन में। 2024 से अब तक लगातार दैनिक समाचार पत्र लक्ष्य सामग्र में। 2021 से अब तक आवाज आपकी न्यूज़ पोर्टल में पत्रकार हैं।