धर्म का काम है जोड़ने का तोड़ने का नही – निरंकारी संत

Support us By Sharing

धर्म का काम है जोड़ने का तोड़ने का नही – निरंकारी संत

सवाई माधोपुर 8 जुलाई। धर्म के मायने यही है कि एक इंसान दूसरे इंसान से प्यार करता हुआ मानवता के रास्ते पर चले, यह विचार संत निरंकारी मंडल राजस्थान के मेंबर इंचार्ज राकेश मुटरेजा निरंकारी सत्संग भवन सवाई माधोपुर पर व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि धर्म का सही अर्थ भाईचारा नम्रता एवम प्रेम रखना है। धर्म एक इंसान से दूसरे इंसान को जोड़ता है तोड़ता नहीं। इंसान सतगुरु की शरण में आकर सत्य की जानकारी कर अंधकार से ऊपर उठकर जीवन सकता है।
संत निरंकारी मण्डल स.मा. के मीडिया सहायक प्रज्वल प्रजापति ने बताया कि निरंकारी संत ने कहा कि जब हमे इस निरंकार की प्राप्ति हो जाती है तभी हमारी भक्ति की शुरुआत होती है। इस भक्ति को कायम रखने के लिए हमें सदैव सेवा सिमरन सत्संग से जुड़े रहना बहुत जरूरी है। भक्ति तब ही दृढ़ होती है जब हमारा मन सुमिरन में लगा रहता है और हमारी सेवा तभी परवान होती है जब हमारी भक्ति मर्यादा के अनुसार होगी। उन्होंने कहा कि जीवन जीने का ढंग सतगुरु ही सिखाते हैं। बड़े पुण्य से मानव जन्म मिला है इसके सदुपयोग करने की जरूरत है। हमें अच्छे गुणों का आरंभ स्वयं से करते हुए इसे अपने घर-परिवार मोहल्ले शहर देश एवं समस्त विश्व के लिए करना चाहिए, जिससे कि इस संसार को वास्तविक रूप में दिव्य गुणों द्वारा महकाया जा सके।
संगत में सवाई माधोपुर के आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए और जोनल इंचार्ज बृजराज सिंह मौजूद रहे और आए हुए सभी भक्तजन का आभार व्यक्त किया। संपूर्ण कार्यक्रम सवाई माधोपुर के संयोजक प्रमोद कुमार शर्मा की देखरेख में संपन्न हुआ।


Support us By Sharing

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *