राज्य की दोनों ही मुख्य राजनितिक पार्टियां जमीनी स्तर आमजन की कर रही है उपेक्षा

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राज्य की दोनों ही मुख्य राजनितिक पार्टियां जमीनी स्तर आमजन की कर रही है उपेक्षा

सवाई माधोपुर 9 जुलाई। आगामी विधानसभा चुनाओ मे आमजन को केवल गुमराह और उपेक्षित करने मे लगी है राज्य की दोनों ही मुख्य राजनीती पार्टियां जबकि एक सत्ता है मे और दूसरी मुख्य विपक्षी है।
सामाजिक कार्यकर्ता हरि प्रसाद योगी एडवोकेट ने जनहित मे दोनों पार्टियों पर आरोप लगाते हुए बताया है कि एक राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत महंगाई राहत शिविर के नाम पर केवल औपचारिकता और कागजी आंकड़ों मे आमजन को उलझा रहे हैं। जबकि हकीकत मे तीन चार माह से बुजुर्ग विधवा पेंशन तक बंद है और बिजली के भारी बिल हैं। तो सरकारी विभागों मे जवाबदेही कानून या सूचना के अधिकार तक का मखौल बना रखा है। सरकारी अस्पतालों में निशुल्क दवा जाँच तो है पर वहाँ लम्बी लम्बी लाइनों के चलते हकीकत में प्राइवेट अस्पतालांे में ही इलाज को आम जन मजबूर है। सवाई माधोपुर के हजारों युवा बेरोजगार जयपुर या अन्य महानगरों मे पलायन कर रहे हैं। ऐसे मे महंगाई राहत शिविरों के वीडियो के नाम एक लाख रूपये के इनाम जैसी घोषणायंे आमजन के लिये एक मजाक लगता है।
वही दूसरी राज्य का मुख्य राजनितिक विपक्षी दल के भाजपा के नेता रणथम्भौर के सितारा होटलों मे चुनावों को लेकर मंथन कर रहे हैं। जो चार वर्षो से जनता से जुड़े मुद्दों पर दूर रहे। अब उनकी अगुवाई मे मंथन कर रहे हैं। जबकि विपक्षी दल होने के नाते जनता के जनहित के मुद्दों पर जमीनी स्तर पर जनता के साथ होना चाहिये। जबकि हकीकत यह है कि आज भी आमजन अपने मुलभुत अधिकारों जिसमे रोजगार शिक्षा स्वास्थ्य पानी यातायात के लिये संघर्षरत है। जबकि होना यह चाहिये कि दोनों पार्टियों को एक साफ सुथरे जमीनी स्तर से आम जन से जुड़े घोषणा पत्र जनता के साथ जनता के बीच बैठकर तयारी करनी चाहिये और दृढ़ संकल्प के साथ उनको पूरा करना चाहिये और आमजन के प्रति अपनी जावबदेहिता और पारदर्शिता रखनी चाहिये।
क्योंकि लोकतंत्र मे सबसे बड़ा मालिक आम जनता ही होती है, केवल चुनावी वर्ष के चलते उनके लिये थोथी घोषणा या रणनीति बनाना लोकतंत्र मे दुर्भाग्यपूर्ण है।


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