गुड़िया तालाब पर अतिक्रमण कर बनाए गए 17अवैध आशियाने पर गरजा पीला पंजा

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गुड़िया तालाब पर अतिक्रमण कर बनाए गए 17अवैध आशियाने पर गरजा पीला पंजा

कई थानों की फोर्स के साथ ,एसडीएमबारा,तहसीलदार,एसीपी बारा भी रहे मौके पर मौजूद

प्रयागराज। नगरपंचायत के शंकरगढ के वार्ड नम्बर 3 पर स्थिति ऐतिहासिक गुड़िया तालाब पर रविवार को भी चला बाबा का बुल्डोजर।,17 लोगों को दो माह पूर्व अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी किया गया था। बीते गुरुवार को नायाब तहसीदार के अगुवाई में चलाया गया था अतिक्रमण हटाने का अभियान। शंकरगढ नगरपंचायत के वार्ड नम्बर तीन पर स्थित ऐतिहासिक गुड़िया तालाब में लगभग 5 पीढ़ियों से रह रहे 17 लोगों के बने घरों पर चला बुल्डोजर। हाइकोर्ट के आदेश पर यह कार्यवाई की गई। लगभग 2 माह पूर्व 17 लोगों को मकान खाली करने की नोटिस जारी की गई थी।

वृहस्पतिवार को नायाब तहसीलदार शंकरगढ के अगुवाई में अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया गया।लेकिन 3 दिन बीत जाने के बाद आज फिर से भारी पुलिस फोर्स के साथ तहसील प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया। जिसमे पहली लिस्ट में 17 घरों को जमीदोज किया गया। बरसात के मौसम में गरीब जनता खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो रहे हैं। 17 परिवारों का सिर से छत छिनने का कारण रो रोकर बुरा हाल है। विजय कुमार शुक्ला,राजेन्द्र गोस्वामी, श्रीनाथ, लवकुश पाल,कमलेश विश्वकर्मा,बाबुल्ल्ले सोनी,शंकर लालसोनी,गिरधारी,समशेर,वारिश अली,रामू वर्मा सहित 17 लोगों का मकान ज़मीदोज़ किया गया।जिन लोगों के मकान पर बुल्डोजर चला आज वो कई वर्षों से आशियाना बना कर रह रहे थे। इसी मकान का हाउस टैक्स, बिजली का बिल और नल का बिल भी देते आ रहे है, सबसे बड़ी बात इस 17 परिवारों में लगभग आधा दर्जन से ज्यादा लोगो को नगरपंचायत द्वारा प्रधानमंत्री आवास मिला था उसे भी ज़मीदोज़ कर दिया गया। स्थानीय लोगो का कहना है कि जब तालाब में अतिक्रमण था तो नगरपंचायत ने किस आधार पर प्रधानमंत्री आवास आवंटित किया, इन मकानों का वर्षो से हाउस टैक्स भी नगरपंचायत द्वारा लिया जा रहा था। जिन गरीबों के सिर से छत को छीना गया उनका कहना है कि बरसात के मौसम में हम लोग छोटे छोटे बच्चों को लेकर कहाँ जाए, वही तहसील प्रशासन का कहना है कि 16 लोगों को डूडा कालोनी में आवास आवंटित किया है जहां इन्हें विस्थापित किया जाएगा। वही इस गरीबों का कहना है डूडा कालोनी जर्जर हालत में है हम वहाँ नही जाएगें। अब इन गरीबों का क्या होगा ये आने वाला वक्त बताएगा। फिलहाल इन के बेघर होने में हांथ नगर पंचायत के कुछ पूर्व जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी सभासद चेयरमैन भी हैं। नहीं तो आज गरीबों के ऐसी हालत में होती। तहसीलदार बारा संगीता पांडेय से पत्रकारों द्वारा इस पर जानकारी मांगी गई तो बात करने से इनकार कर दिया। सबसे बड़ी बात अगर अवैध तरीके से लोग रह रहे थे तो किस आधार पर प्रधानमंत्री आवास आवंटित किया गया। पूरे गुड़िया तालाब में दो दर्जन से ज्यादा प्रधानमंत्री आवास आवंटित होकर बनकर तैयार हो गया है,जिसमे आज आधा दर्जन से ज्यादा प्रधानमंत्री आवास को ज़मीदोज़ कर दिया गया।


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