निजी विद्यालयों की किताब एवं ड्रेस को लेकर मनमानी को लेकर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने जांच कमेटियां बैठाई


निजी विद्यालयों की किताब एवं ड्रेस को लेकर मनमानी को लेकर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने जांच कमेटियां बैठाई

डीग उपखंड में निजी विद्यालय के संचालकों द्वारा स्कूल में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के अभिभावकों को मोटे कमीशन के लालच में अधिक मूल्य वाली पुस्तकें खरीदने के लिए बाध्य कर आर्थिक शोषण किया जा रहा है। जिसकी शिकायतों पर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने सभी पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों और संकुल शिक्षा अधिकारियों की टीम गठित कर अपने अधीन निजी विद्यालयों में जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।बताया जाता है कि निजी विद्यालय द्वारा पुस्तक विक्रेताओं से सांठगांठ कर नर्सरी से लेकर आठवीं तक मोटे कमीशन के एवज में एसी पुस्तकें खरीदने के लिए बाध्य किया जा रहा है। जिनका मूल्य सरकारी स्कूलों में चलने वाली पुस्तकों के मुकाबले 10 से 20 गुणा तक अधिक है। हालत यह है कि कक्षा 3 में पढ़ने वाले बच्चों की पुस्तकें भी 2500 से 3000 रुपए से कम नहीं आ रही है। अभिभावकों का आरोप है कि इसमें निजी विद्यालयो के संचालकों द्वारा 50 प्रतिशत तक कमीशन लिया जा रहा है।यही स्थिति स्कूल की ड्रेस, टाई की है इस मामले में भी निजी स्कूल संचालकों ने कमीशन के लालच में रेडिमेड क्लॉथ विक्रेताओं से सांठगांठ कर रखी है। हालत यह है कि एक निजी विद्यालय की ड्रेस एक निश्चित रेडीमेड क्लॉथ विक्रेता के पास ही मिल रही है। जिसके चलते अभिभावकों को मजबूरन रेडीमेड विक्रेता से महंगे और मनमाने दामों पर स्कूल ड्रेस और टाई खरीदनी पड़ रही है।सभी पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों और संकुल शिक्षा अधिकारियों को टीम गठित कर अपने अधीन निजी विद्यालयों मैं भौतिक सत्यापन कर और जांच कर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में दोषी पाए जाने पर विद्यालय संचालकों खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

यह भी पढ़ें :  जबलपुर से 7 महीने की ट्रेनिंग करके ढिकोला पहुँचा जवान ग्राम वासियो ने मिलकर स्वागत व सम्मान किया

 


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now