खून से लिखा खत लेकर सूबे के मुखिया को सौंपने के लिए पैदल कूच करने की तैयारी में बारा के मजदूर, किसान

Support us By Sharing

तहसील मुख्यालय में अनिश्चित कालीन धरना के तेरहवें दिन भी नहीं मिला न्याय

प्रयागराज।शंकरगढ में आरक्षित टंडन वन भूमि को भू माफियाओं से कब्जा मुक्त कराने, वन भूमि पर अवैध कब्जा कराने के आरोपी वन क्षेत्राधिकारी, वन दरोगा को बर्खास्त करने, ओलावृष्टि प्रभावित किसानों को मुआवजा व आदिवासी, मुसहर परिवार को मुख्यमंत्री आवास देने के लिये बारा तहसील में भारतीय किसान यूनियन (भानु) का अनिश्चित कालीन धरना तेरहवें दिन भी जारी रहा। लेकिन तहसील प्रशासन धरने पर बैठे किसानों की मांग पूरी नहीं कर पाया।
बुधवार को किसानों-मजदूरों ने तहसील परिसर में बैठक कर निर्णय लिया कि वह न्याय के लिये अपने खून से मुख्यमंत्री को खत लिखेंगे और 13 जुलाई को बारा से पैदल यात्रा कर लखनऊ में मुख्यमंत्री से मिलने जायेंगे। मुख्यमंत्री को टंडन वन की भूमि को भू माफियाओं से मुक्त करने, ओलावृष्टि प्रभावित किसानों को मुआवजा देने , आदिवासी परिवारों को आवास देने के मांग की जायेगी।
उल्लेखनीय है कि उपरोक्त मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन (भानु) संगठन के किसान-मजदूर बीते 30 जून से बारा तहसील में धरने पर बैठे हैं।
सैकड़ों की संख्या में धरने पर बैठे किसानों-मजदूरों से उप जिलाधिकारी बारा की तीन चरणों में वार्ता हुई। जिस पर उप जिलाधिकारी बारा द्वारा गठित राजस्व टीम व वनविभाग के अधिकारियों के समक्ष टंडन वन की पैमाइश कराई गयी, जिसमें वन विभाग की सैकड़ों बीघे भूमि पर स्थानीय लोगों द्वारा अवैध कब्जा पाया गया। वन दरोगा उदयभान की तहरीर पर अकौरिया ग्राम सभा के 13 अवैध कब्जा धारकों के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 26 व 63 सी के तहत बारा थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई । वहीँ ग्राम बसहरा उपरहार में वन विभाग की जमीन को अवैध रूप से काश्तकारों को आवंटन पट्टे को निरस्त करने की संस्तुति उप जिलाधिकारी द्वारा कर दी गयी है। लेकिन धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन भानु के मंडल अध्यक्ष राजीव चंदेल का आरोप है कि टंडन वन की पैमाइश व सीमांकन राजस्व टीम अवैध कब्जा धारकों को बचाने का कार्य कर रही है। टंडन वन की भूमि पर अवैध कब्जा वन विभाग के अधिकारियों की सह पर किया गया है। रिपोर्ट दर्ज होने पर यह बात साबित हो चुका है कि टंडन वन पर अवैध कब्जा है, इसलिए वन विभाग के वन क्षेत्राधिकरी व वन दरोगा को निलंबित किया जाना चाहिए। जबकि धरने के तेरहवें दिन भी वन क्षेत्रधिकारी व वन दरोगा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। भाकियू भानु के मंडल महासचिव के के मिश्र ने बताया कि मांगें पूरी न होने पर धरने पर बैठे किसान-मजदूर न्याय मांगने के लिये अपने खून से खत लिखकर 13 जुलाई को मुख्यमंत्री से मिलने पैदल लखनऊ जायेंगे। लखनऊ जाने के लिये एसडीएम बारा को ज्ञापन देकर सूचित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री को खून से खत लिखने के लिए भारतीय किसान यूनियन (भानु) के पदाधिकारियों ने तहसील मुख्यालय मेंअपना खून निकलवाया। खून निकलवाने वाले पदाधिकारियों में मंडल अध्यक्ष राजीव चंदेल, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह, वरिष्ठ जिलाउपाध्यक्ष राकेश त्रिपाठी, मंडल उपाध्यक्ष एसबी पाल, जिला उपाध्यक्ष दीपक तिवारी व सूरज कली शामिल रहीं।


Support us By Sharing

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *