ईसीआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग को लेकर किसान संघर्ष समिति की हुई बैठक

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ईसीआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग को लेकर किसान संघर्ष समिति की हुई बैठक

बयाना, 12 जुलाई। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को केन्द्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग को लेकर किसान संघर्ष समिति की ओर से गांव बंगसपुरा में आसपास के दर्जनभर गांवों के प्रमुख पंच-पटेलों की बैठक हुई। बैठक में लोगों ने सिंचाई और पेयजल की लगातार बढ़ती जा रही किल्लत पर गहरी चिन्ता प्रकट करते हुए ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने के लिये जन-आन्दोलन करने का फैसला लिया। बैठक की अध्यक्षता गुर्जर आरक्षण आन्दोलन संघर्ष समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष भूरा भगत ने की। किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष इन्दल सिंह जाट और संयोजक जिला पार्षद मोहना गुर्जर ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार ईआरसीपी को अटका कर 13 जिलों की जनता के साथ अन्याय कर रही है। किसान नेता इन्दल सिंह ने कहा कि लगातार भू-जल स्तर गिरने से जनता को सिंचाई और पीने के पानी का संकट झेलना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हर वर्ष हजारों क्यूबिक मीटर पानी चम्बल से बेकार समुद्र में बहकर चला जाता है। जिसे इस परियोजना के तहत गम्भीर, बाणगंगा और रुपारेल जैसी वर्षों से सूखी पड़ी नदियों में लाना चाहिए। जिला पार्षद मोहना गुर्जर ने कहा कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के लिये संघर्ष जारी है और सभी 13 जिलों में जन जागरण अभियान को और तेज किया जायेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोगों को भी इसमें सहयोग कर अपने दल की केंद्र सरकार पर दबाब बनाना चाहिये। उन्होंने कहा कि पानी जैसे मुद्दे पर गुमराह करने वाली राजनीति नहीं होनी चाहिये। गुर्जर नेता भूरा भगत ने कहा कि पूर्वी राजस्थान के सभी 13 जिलों में बड़ा जन आन्दोलन करने की जरूरत है। क्योंकि पानी के बिना किसान और खेत बर्बाद हो रहे हैं। सभी सरकारें और पार्टियां किसानों की भलाई की केवल कोरी बातें करती हैं। कृषि उपज मंडी के पूर्व चेयरमैन देवीसिंह बुढ़वार ने कहा कि सभी किसानों को पानी की मांग को लेकर संगठित होकर अपने हक के लिये संघर्ष करना चाहिये। इसके लिए जल्द ही बयाना क्षेत्र में एक बड़ी किसान महापंचायत बुलाने का सुझाव दिया। जिस पर सभी ने सहमति जताई। बैठक में गुमान सरपंच शेरगढ़, रमेश पटेल सीदपुर, निहाली सरपंच समोगर, प्रहलाद सरपंच नगला सिंघाड़ा, निर्भय पटेल महलौनी, रामखिलाड़ी पटेल चहल ने भी अपने विचार व्यक्त किये। संचालन भूदेव कृष्ण पाराशर ने किया।


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