स्कूटी के फिसलने से एक 16 वर्षीय किशोर की मौत

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सवाई माधोपुर 7 जून। जिला मुख्यालय पर शहर के निकट कुशाली दर्रा रोड़ पर हुऐ दुर्घटना में एक किशोर की मौत हो जाने से जिला मुख्यालय पर अचानक शोक की लहर दौड़ गई।
जानकारी के अनुसार जिले से खण्डार रोड़ होकर जाने वाले टोंक-चिरगांव नेशनल हाईवे 552 पर भौमिया की टेक कुशाली दर्रा के नजदीक सड़क दुर्घटना में एक 16 वर्षीय स्कूटी सवार की मौत हो गई, जबकि एक अन्य किशोर गंभीर रूप से घायल हो गया। दुर्घटना की सूचना पर कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर जिला अस्पताल की मोर्चरी पहुंचाया। जबकि दुर्घटना में घायल एक अन्य किशोर को अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
कोतवाली थाने के हेड कांस्टेबल भंवर सिंह के मुताबिक चार-पांच किशोर 2-3 दुपहिया वाहनों से घूमने के लिए जा रहे थे। इस दौरान एक स्कूटी पर मिहिर पहाड़िया व नबील अहमद सवार थे। भौमिया की टेक कुशालीदर्रा के नजदीक उनकी स्कूटी अनियंत्रित होकर फिसल गई। इस हादसे में 16 वर्षीय मिहिर पहाड़िया पुत्र योगेश पहाड़िया निवासी खटीक मोहल्ला आलनपुर की मौत हो गई। वहीं 17 वर्षीय नबील अहमद पुत्र खलील अहमद निवासी सवाई माधोपुर गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसका फिलहाल जिला अस्पताल में उपचार जारी है।
जानकारी के अनुसार मिहिर के पिता योगेश पहाडिया चित्तौड़गढ़ में व्याख्याता के पद पर कार्यरत हैं। मिहिर और उसकी बड़ी बहन अपने नाना रामनिवास खटीक के पास आलनपुर में रहती है। मिहिर के पिता और माता में कई दिनों से विवाद चल रहा है। मिहिर ने इसी साल दसवीं की परीक्षा पास की थी। जो दोस्तों के साथ घूमने जाते समय हादसे का शिकार हो गया।
जानकारी के अनुसार सामान्य चिकित्सालय में माता पिता के बीच बेटे की मौत के बाद शव लेने को लेकर विवाद हो गया। माँ सीमा पहाड़िया बेटे का शव लेने की बात कर रही थी, वहीं पिता ने कानून का हवाला देते हुए बेटे का शव उन्हें देने की मांग की। इसके चलते शव का पोस्टमार्टम करने में भी काफी समय लग गया। इस दौरान पुलिस अधिकारियों की समझाइश के बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव मृतक के पिता को सौंप दिया।
इस दुर्घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी इसकी काफी चर्चा रही। लोगों ने इस घटना पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुऐ किशोर युवाओं को वाहन चलाते समय अधिक सावधानी एवं सतर्कता रखने की बात की। लोगों में यह भी चर्चा रही की किशोर बच्चों एवं युवाओं में खासकर बाईक चलाते समय वाहन दौड़ाने और स्टंट दिखाने का भूत सवार रहता है। जिसके प्रति उनको समझाने और यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है। माता पिता को भी अपने बच्चों को वाहन देने से पहले उन्हे यातायात नियमों एवं सतर्कता व सावधानी के प्रति जागरूक करना चाहिए।


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