अधिकारियों एवं ठेकेदार के जुगलबंदी से कचारी-गोल्हैया 6 किलोमीटर लंबी सड़क मार्ग में हो रहा बड़ा घोटाला

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लगातार दैनिक समाचार पत्रों में खबरें प्रकाशित होने के बावजूद भी नहीं जाग रहा विभाग

प्रयागराज।ब्यूरो राजदेव द्विवेदी। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ग्रामों को शहरों से जोड़ने के लिए चलाई गई प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है। अधिकारियों और ठेकेदार की साठगांठ से गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य हो रहा है। जनपद के यमुनानगर बारा क्षेत्र अंतर्गत एम आर एल 30 बीपी रोड से कचारी होते हुए गोल्हैया लिंक रोड 6.22 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने के लिए 526.005 लाख की लागत में बड़ा घोटाला हो रहा है। बता दें कि सितंबर 2022 से शुरू कार्य सितंबर 2023 में पूर्ण कर दिया गया। जिसमें 5 वर्षीय अनुरक्षण लागत 57.381 लाख व कार्य का अनुरक्षण पूर्ण तिथि सितंबर 2028 बोर्ड में दर्शा दिया गया है। जबकि जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रहा है।ग्रामीणों ने हो रहे सड़क कार्य पर आरोप लगाते हुए जानकारी दी कि सड़क निर्माण के पूर्व सड़क चौड़ीकरण के लिए सड़क के दोनों तरफ गड्ढे किए गए जिसमें छोटे रोलर कंपेक्शन से काम कर 5 एम एम, 20 एम एम और 40 एमएम की गिट्टी डालकर चौड़ी करण के लिए कंपेक्शन करना था लेकिन पैसे बचाने की जुगत में अधिकारियों से सांठगांठ कर ठेकेदार ने डस्ट और गिट्टी के मिक्सचर को साइड गड्ढे में घरेलू राख और गोबर की खाद डाल कर कंपैक्ट कर दिया गया। जबकि चौडी करण के लिए किए गए गड्ढों को छोटे रोलर मशीन को गड्ढे में उतार कर पहले 5, 20 और 40 एमएम की गिट्टी डालकर उसके ऊपर से रोलर चलाना था। सड़क निर्माण में ऊपरी परत के वेश निर्माण के लिए पहले पुरानी सड़क को उखाड़ कर उसके मलबे को अलग कर डब्लू एम एम बिछाकर बेस तैयार किया जाता है मगर यहां मामला उल्टा ही है।मनमानी का आलम यह है कि डब्ल्यू एम एम की जगह पुरानी सड़क से निकला मलबे को रोलर चला कर के वेश में डाला गया है जबकि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के नियमानुसार पुराने सड़क को उखाड़ कर उसके मलबे को सड़क से अलग करने के लिए निर्देश दिए जाते हैं जिसे दरकिनार कर लीपापोती की गई है। अब देखने वाली बात यह होगी कि ग्रामीणों द्वारा लगाए गए आरोप पर कार्यवाही होती है या फिर अधिकारियों के मिलीभगत से गुणवत्ता विहीन सड़क निर्माण कार्य जारी रहेगा।अहम और बड़ा सवाल आखिर लगातार खबरें प्रकाशित होने के बावजूद भी संबंधित विभाग के आला अधिकारियों की क्यों नहीं खुल रही कुम्भकरणी निद्रा पूछती है गांव की जनता।


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