चारभुजा मंदिर के मुख्य दरवाजे पर धर्म पताका लगाकर की अमन चैन की कामना
भीलवाड़ा। जलझूलनी एकादशी महोत्सव के तहत वस्त्रनगरी से चारभुजा धाम नगरी में पैदल जत्थों के रवाना होने का क्रम शुरू हो गया। पद यात्रा का मुख्य उद्देश्य गौ हत्या बंद कर गौ सेवक का मार्ग अपनाने का संदेश पद यात्रियों द्वारा दिया गया। भीलवाड़ा के हुरडा से 27 अगस्त को सुबह को पैदल रवाना हुए। 16 सदस्यीय चारभुजाजी के जयकारों के साथ पदयात्री गढ़बोर रवाना हुए जो 6 दिन बाद चारभुजा नाथ के दरबार पहुंचे। वही चारभुजा पहुंचकर धर्म पताका को मंदिर के मुख्य दरवाजे पर लगाकर नतमस्तक हुए तथा अमन चैन की कामना की। प्रदयात्री आशीष झंवर व सत्यनारायण बजाज ने बताया कि पद यात्रा का यह आठवां वर्ष है। जहां पर चारभुजा नाथ पहुंचने के बाद भगवान को नाचते गाते ढोल नगाड़े की धुन पर व्यंजनों का भोग मनोरथ करवाया गया। जत्थे में मुस्कान बजाज, संजु बजाज, संजू मेवाड़ा, मुकेश, जगदीश जांगीड सहित कई सदस्य मौजूद थे।