22वें तीर्थंकर नेमिनाथ मोक्ष स्थली गिरनार जी का उर्जयंत पर्वत पांचवीं टोंक हमारी आस्था का केंद्र हैं, जहां पर प्रत्येक जैन बंधु को दर्शन हेतु जाना चाहिए- पूज्य आचार्य श्री 108 पुलक सागर जी मुनिराज
कुशलगढ़|राजस्थान की पुण्य धरा नागफणी पार्श्वनाथ में आयोजित पंचकल्याणक महोत्सव के पंडाल में दिल्ली से गिरनार जी तक 1500 किमी लंबी 101 दिवसीय नेमि गिरनार धर्म पद यात्रा के समर्थन में परम पूज्य आचार्य श्री 108 पुलक सागर जी मुनिराज ससंघ के पावन सानिध्य में जिला डुंगरपुर समाज की विशाल सभा का आयोजन किया गया। समर्थन सभा में विश्व जैन संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भरत गांधी नौगामा सहित विश्व जैन संगठन राजस्थान के पदाधिकारियों ने विराजमान पूज्य आचार्य श्री पुलक सागर जी मुनिराज से संघ सहित पद यात्रा में सानिध्य, मार्गदर्शन और आशीर्वाद देने हेतु निवेदन किया गया। विशाल समर्थन सभा को संबोधित करते हुए पूज्य आचार्य श्री पुलक सागर जी मुनिराज ने धर्म पद यात्रा को मंगल आशीर्वाद देते हुए 22वे जैन तीर्थंकर नेमिनाथ भगवान मोक्ष स्थल के दर्शन के लिए समाज को यात्रा में शामिल होने को कहते हुए कहा कि गिरनार पर्वत के पांचवीं टोंक से 22 वें तीर्थंकर श्री 1008 भगवान नेमिनाथ की निर्वाण स्थली हैं और प्रत्येक जैन बंधु को इस धर्म पदयात्रा में शामिल होना चाहिए। विश्व जैन संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय जैन ने 1 फरवरी 2025 डुंगरपुर में हमसे आशीर्वाद और मार्गदर्शन प्राप्त किया। विश्व जैन संगठन ने गिरनार जी धर्म पदयात्रा हेतु जो बीड़ा उठाया उनको हमारी ओर से बहुत बहुत आशीर्वाद हैं एवं मार्गदर्शन देते हुए कहा कि हमें किसी से वाद विवाद नहीं करना हैं। इस अवसर पर केसरीमलजी खोड़निया बड़ोदिया विश्व जैन संगठन विशेष सलाहकार कार्यकारिणी, राजस्थान,नरेश पिंडारमियां, अध्यक्ष विश्व जैन संगठन शाखा नौगामा, सुरेश चन्द्र जैन, हंसमुख गांधी, आशीष पिंडारमियां, दानमल गांधी,कमल पंचोरी नौगामा, विकास सेठ बागीदौरा,विश्व जैन संगठन बांसवाड़ा जिला अध्यक्ष पिंकेश जैन कलिंजरा,नितेश जैन अध्यक्ष शाखा कलिंजरा, प्रतीक जैन विपुल जैन, परेश पिंडारमिया, अंकित मेहता राजेंद्र गांधी कलिंजरा से उपस्थित रहे। इस अवसर पर पंचकल्याण प्रतिष्ठा महोत्सव समिति द्वारा विश्व संगठन के सदस्यों को दुपट्टा उडाकर प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया गया।