शंकरगढ़ सीएचसी में पच्चासों लाख की लागत से निर्माण हो रहे लैब में बड़ा गड़बड़ झाला

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जिम्मेदारों की लापरवाही से मिस्त्री और मजदूरों के जिम्में घटिया सामग्री से हो रहा निर्माण कार्य

प्रयागराज।ब्यूरो राजदेव द्विवेदी। जनपद के यमुनानगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शंकरगढ़ में अनुमानित लागत 50 लाख रुपए की राशि से लैब भवन का निर्माण हो रहा है। यहां जिम्मेदार कभी भी निर्माण स्थल पर जाने की जहमत नहीं उठाते हैं। शासन की राशि का किस तरह दुरुपयोग हो रहा है इसका नजारा देखने को मिल रहा है। जहां पर निर्माणाधीन कार्य में गुणवत्ता एवं नियमानुसार मानकों के अनुरूप नियमों को ताक पर रखकर कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। सिर्फ मिस्त्री और मजदूरों के सहारे निर्माण कार्य चल रहा है। निर्माण कार्य में ईंट , बालू, सीमेंट घटिया किस्म की लगाई जा रही है जो मानकों के अनुसार कम मात्रा में मिलाई जा रही है वही ईट भी घटिया किस्म की लगाई जा रही है। वही इस पूरे मामले में जनप्रतिनिधि सहित विभागीय अधिकारी एवं जिम्मेदार कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।स्थानीय लोगों की मानें तो भवन निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार को मुख्य पैमाने पर रखा गया है जिम्मेदारों के द्वारा भौतिक परीक्षण न होने पर ठेकेदार व जेई के हौसले बुलंद है।निर्माण कार्य को लेकर स्थानीय मीडिया कर्मियों के द्वारा जनमत की आवाज बनकर शासन प्रशासन के प्रति चौथे स्तंभ की भूमिका को बखूबी निभाते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए भ्रष्टाचार संबंधी मामलों को समय-समय पर उजागर करते हुए शासन प्रशासन के संज्ञान में लाकर अपनी जिम्मेदारी को निभाते रहते हैं।लेकिन विभागो में जिम्मेदार पदों पर बैठे विभागीय आला अधिकारी कर्मचारी इस तरह के मामलों में कार्यवाही के नाम पर कार्यालय के ही अधीनस्थ कर्मचारियों को जांच करने की जिम्मेदारियां सौंप कर पूरे मामलों में लीपापोती कर भ्रष्टाचारियों को भी बचा लेते हैं और खुद भी बच जाते हैं व जांच करने के एवज में मोटी रकम वसूल करते हैं। इस बावत संबंधित ठेकेदार और जेई से जब दूरभाष से बात की गई तो एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराते हुए अपना पल्ला झाड़ लिए। जब कि शासन की मंशा है कि क्षेत्रवासियों को सीएचसी शंकरगढ़ में ही एक छत के नीचे तमाम तरह के जांच लैब में होने से समय और पैसे दोनों की बचत होगी।ऐसे में भवन निर्माण कार्य में भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है लोगों का मानना है कि घटिया निर्माण कार्य से यह भवन जल्द ही जर्जर हो जाएगा। अब देखने वाली बात यह होगी कि जेई और ठेकेदार की जुगलबंदी पर संबंधित विभागीय उच्च अधिकारियों का चाबुक चलता है या ऐसे ही भवन निर्माण में लीपापोती कर मिस्त्री और मजदूरों के भरोसे कार्य पूरा करा दिया जाएगा।


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