पेंशनर्स के हितों पर कुठाराघात से संबंधित सीसीए पेंशन नियम संशोधन विधेयक 2025 को वापस लेने के है संबंध में एक ज्ञापन मनोज खेमादा एसडीएम कुशलगढ़ को दिया


कुशलगढ़|पेंशनर्स के हितों पर कुठाराघात से संबंधित सीसीए पेंशन नियम संशोधन विधेयक 2025 को वापस लेने के है संबंध में एक ज्ञापन मनोज खेमादा एसडीएम कुशलगढ़ को दिया।भारत सरकार ने संसद की मंजूरी के लिए वित्त विधायक पेश करते समय भारत की संचित निधि से पेंशन देनदारीयो पर व्यय के लिए केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियमों और सिद्धांतों की मान्यता के लिए एक अध्याय शामिल किया है। इसके माध्यम से सरकार को पेंशनभोगियों के बीच अंतर स्थापित करने का अधिकार मिल गया है। जो केंद्रीय वेतन आयोग की स्वीकृत सिफारिशो पर लागू हो सकता है और विशेष रूप से पेंशनभोगी की सेवानिवृत्ति की तारीख या केंद्रीय वेतन आयोग की स्वीकृत सिफारिश के संचालन की तारीख के आधार पर अंतर किया जा सकता है। उक्त विधायक के माध्यम से केंद्र सरकार ने पेंशनर्स को आठवें वेतन आयोग के लाभ से वंचित करने व पेंशनरों को तिथि के आधार पर वर्गों में बांटकर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन किया है। साथ ही डी एस नकारा मामले में दिनांक 17/12/1982 के सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ के ऐतिहासिक निर्णय को चुनौती दिए हैं।राजस्थान पेंशनर समाज इस हिटलरशाही वित्त विधेयक का घोर विरोध करता है क्योंकि सातवीं सीपीसी जिसे 01-01- 2016 से पहले और 01-01- 2016 के बाद सेवानिवृत्ति पेंशनभोगियों के बीच समानता बनाए रखने के लिए सरकार द्वारा स्वीकार किया गया था। यह विधेयक इस प्रकार की समानता को खत्म कर देता है। इसके अलावा जब से आठवीं सीपीसी की घोषणा की गई है देशभर के पेंशन भोगी अपने पेंशन संशोधन और 01-01- 2026 से पहले सेवानिवृत्ति हुए पेंशनभोगियों और 01-01- 2026 (8वी सीपीसी की सिफारिशो की अपेक्षित तिथि) के बाद सेवानिवृत्ति होने वाले पेंशनभोगीयों के बीच समानता बनाए रखने के बारे में चिंतित है। वर्तमान निर्णय पेंशनभोगियों पर एक बार झटका है और इसलिए सरकार को इस पर पुनः विचार करने और इसे वापस लेने की आवश्यकता है। इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री भारत सरकार निर्मला सीतारमण के नाम ज्ञापन एसडीएम कार्यालय में एसडीओ मनोज खेमादा को सौंपा गया राजस्थान पेंशन समाज के प्रदेश नेतृत्व के आहवान पर राजस्थान पेंशनर समाज की हमारे उप शाखा केंद्र सरकार के इस निर्णय का घोर विरोध करते हुए उन्हें इस विधेयक पर पुनः विचार कर पेंशनरों के हितों में निर्णय लेने का अनुरोध करती है। आपको अवगत करवा दे कि यदि विधेयक में पेंशनरों पर कुठाराघात संबंधी बिंदु नहीं हटाए गए तो राजस्थान पेंशनर समाज को पूरे प्रदेश में आंदोलनात्मक रूख अपनाने को मजबूर होना पड़ेगा। ज्ञापन सौंप ते वक्त कुशलगढ़ पेंशनर समाज अध्यक्ष रमेश चंद्र चौहान एडवोकेट हरेंद्र पाठक अजय जोशी देव शंकर पंड्या मुकेश शाह अनिल सेठ अनोखीलाल सोनी प्रदीप महोदिया नटवरसिंह राठौड़ भीमजी मईडा मनोहरलाल सेठ सलीमजी शेख अंबालाल पांचाल मनोहरलाल भाटिया विजयलाल कट्टू अशोक कट्टू नरेश त्रिवेदी कन्हैयालाल बसेर सहित कई पेंशनर्स उपस्थित थे।


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