हरि शेवा धाम में ऑपरेशन सिंदूर के शहीदों और पहलगाम पीड़ितों को दी गई भावपूर्ण श्रद्धांजलि


भीलवाड़ा|हरि शेवा उदासीन आश्रम, सनातन मंदिर परिसर, भीलवाड़ा में मंगलवार को एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर में शहीद हुए भारतीय जवानों और जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में मारे गए हिंदू नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। यह कार्यक्रम महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन के पावन सान्निध्य में सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता की तस्वीर पर दीप प्रज्वलन कर की गई। इसके पश्चात हरिशेवा शिक्षण-प्रशिक्षण संस्कृत विद्यालय के छात्रों द्वारा विषय की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए देशभक्ति और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विचार प्रस्तुत किए गए। छात्रों के वक्तव्यों में शहीदों के बलिदान के प्रति गहरी संवेदना, राष्ट्र के प्रति समर्पण और समाज के प्रति जागरूकता की भावना स्पष्ट रूप से दिखाई दी।
महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “शहीदों का बलिदान देश की आत्मा है। हमें उनके आदर्शों को आत्मसात करना चाहिए और राष्ट्र सेवा को जीवन का उद्देश्य बनाना चाहिए।” उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे देश के प्रति अपने कर्तव्यों को समझें और राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनें।
इस श्रद्धांजलि सभा में विशेष रूप से देश की सेना से सेवा निवृत्त हुए वीर जवानों को आमंत्रित किया गया था। इनमें वारंट ऑफिसर एल एल पांचाल, एस के गुर्जर, सूबेदार मेजर चमन सिंह राठौड़, सूबेदार मेजर रतन देव शर्मा, कैलाश चंद्र जीनगर, हवलदार तेज सिंह और हवलदार हेमेन्द्र सिंह चैहान शामिल थे।
कार्यक्रम के दौरान कारगिल युद्ध में भाग ले चुके सूबेदार चमन सिंह राठौड़ ने युद्ध के अपने अनुभव साझा किए, जिससे युवा पीढ़ी को वीरता और पराक्रम की प्रेरणा मिली। सूबेदार रतन देव शर्मा ने भी अपने सैन्य जीवन की स्मृतियों को साझा कर सभा को भावुक कर दिया।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के रवींद्र जाजू ने उपस्थित जनों को शस्त्र और शास्त्र दोनों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि “राष्ट्र की रक्षा केवल सेना का कार्य नहीं, प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।” विद्यालय के प्रतिभावान छात्रों आस्था इटोरिया, रघुवीर सिंह रामावत, अर्जुन व्यास, शांतनु शर्मा एवं दीपेश यादव ने ऑपरेशन सिंदूर पर आधारित अपने विचारों के माध्यम से शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उनकी प्रस्तुतियों में देशभक्ति का गहन भाव परिलक्षित हुआ।
इस कार्यक्रम में आश्रम के संत राजाराम, संत गोविंदराम, महंत जमनादास, अरविंद मुनि, ब्रह्मचारी मिहिर सहित कई संतों की गरिमामयी उपस्थिति रही। साथ ही सचिव हेमंत वच्छानी, ट्रस्टी ईश्वरलाल आसनानी, अंबालाल नानकानी, पल्लवी वच्छानी, विद्यालय की प्रधानाचार्य रूपा पारीक, पुस्तकालय अध्यक्ष मोहनलाल शर्मा तथा भारतीय सिंधु सभा के प्रतिनिधि वीरूमल पुरसानी, मनीष सबदानी, बबिता नारवानी एवं पंकज आडवाणी सहित अनेक श्रद्धालुओं ने भी भाग लिया।
कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थितजनों ने दो मिनट का मौन रखकर शहीदों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। इसके पश्चात राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। इस अवसर पर सभी पूर्व सैनिकों का सम्मान भी किया गया।


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