भीलवाड़ा में फैक्ट्री पर ‘एयर स्ट्राइक’ से मचा हड़कंप, मॉक ड्रिल निकली राहत की सांस


जिला प्रशासन की तत्परता की हुई सराहना, मॉक ड्रिल के जरिए आपातकालीन व्यवस्थाओं की परखी गई तैयारी

भीलवाड़ा शहर में बुधवार शाम उस वक्त हड़कंप मच गया जब चित्तौड़गढ़ रोड स्थित बीएसएल फैक्ट्री की एक बिल्डिंग पर ‘एयर स्ट्राइक’ की सूचना मिली। सूचना के अनुसार, हमले के बाद फैक्ट्री में भीषण आग लग गई और कई लोगों के घायल होने व दम घुटने से स्थिति बिगड़ने की खबर फैली। इस ‘आपात स्थिति’ की खबर चारों ओर फैलते ही पुलिस, प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, दमकल दल, नगर निगम, एंबुलेंस और एसडीआरएफ की टीमें त्वरित गति से मौके पर पहुंच गईं। हालांकि कुछ देर बाद स्पष्ट हुआ कि यह कोई असली हमला नहीं, बल्कि केंद्र व राज्य सरकार के निर्देशानुसार आयोजित एक मॉक ड्रिल थी, जिसे जिला प्रशासन द्वारा योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया था।
मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपात स्थिति में प्रशासनिक तैयारियों, विभागीय समन्वय, त्वरित प्रतिक्रिया और राहत कार्यों की व्यावहारिक समीक्षा करना था। इस मॉक ड्रिल में यह परिदृश्य तैयार किया गया था कि बीएसएल फैक्ट्री के कॉटन डिपार्टमेंट और ऑफिस पर हमला हुआ है, जिससे आग लग गई है, दो लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 15 से 20 लोग झुलस गए हैं।
जैसे ही यह सूचना बीएसएल फैक्ट्री मैनेजमेंट से भीलवाड़ा पुलिस कंट्रोल रूम को मिली, तत्काल जिला प्रशासन सक्रिय हुआ। जिला कलेक्टर जसमीत सिंह संधु और पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह यादव स्वयं बचाव कार्यों का नेतृत्व करने मौके पर पहुंचे। एएसपी पारसमल जैन समेत चिकित्सा, अग्निशमन, नगर निगम, और राहत-बचाव से जुड़ी टीमें मौके पर पहुंची और तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी।
घटना स्थल की घेराबंदी कर सुरक्षा सुनिश्चित की गई। दमकलकर्मियों ने आग पर काबू पाने का प्रयास किया और घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल भेजा गया। सिविल डिफेंस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने पूर्ण सक्रियता के साथ अपना दायित्व निभाया। मॉक ड्रिल के दौरान फैक्ट्री कर्मचारियों को भी आग और अन्य आपात स्थितियों में सुरक्षित बचाव की जानकारी दी गई। प्रशिक्षणात्मक रूप से यह अभियान अत्यंत सफल रहा।
बीएसएल फैक्ट्री प्रबंधन ने इस मॉक ड्रिल में प्रशासन को पूर्ण सहयोग दिया। मॉक ड्रिल के समापन के बाद जिला प्रशासन ने एक समीक्षा बैठक की, जिसमें सभी विभागीय अधिकारियों से फीडबैक लिया गया और भविष्य में ऐसी आपात परिस्थितियों से बेहतर तरीके से निपटने के लिए सुझाव मांगे गए।
कलेक्टर जसमीत सिंह संधु ने कहा कि मॉक ड्रिल जैसी व्यवस्थाएं आपात स्थिति में जनहानि को कम करने में अहम भूमिका निभाती हैं। यह प्रशासनिक और तकनीकी दक्षता को जांचने का एक प्रभावी माध्यम है। एसपी धर्मेंद्र सिंह यादव ने कहा, इस ड्रिल ने साबित किया कि सभी विभागों में बेहतर समन्वय संभव है। भविष्य में कोई भी आपदा हो, हम तैयार हैं।


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