सज्जनगढ़ से कुशलगढ़ मार्ग पर दुर्घटनाओ की सवारी – जर्जर सड़क बनी दुर्घटनाओं की स्थायी वजह, विभाग मौन


सज्जनगढ़, 16 जून| सज्जनगढ़ से कुशलगढ़ को जोड़ने वाली क्षेत्र की प्रमुख संपर्क सड़क आज बदहाली का प्रतीक बन चुकी है। यह सड़क, जो एक समय में क्षेत्र के लिए विकास की धड़कन मानी जाती थी, अब इतनी जर्जर हो चुकी है कि डामर की जगह गड्ढे और गिट्टियों का साम्राज्य नजर आता है। विशेषकर कड़ाईमाल से डूंगराबड़ा खंड तक सड़क की हालत बेहद चिंताजनक है। जहाँ एक ओर सड़कें किसी भी क्षेत्र की प्रगति की पहचान होती हैं, वहीं इस मार्ग की स्थिति ने न केवल सज्जनगढ़ की साख पर बट्टा लगाया है, बल्कि आमजन की जान को भी खतरे में डाल दिया है। आए दिन यहां दुर्घटनाएं हो रही हैं, और पीड़ितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पेचवर्क भी ढह गया, डामर जैसे गायब – सड़क की सूरत डरावनी इस सड़क की मरम्मत का कार्य एक वर्ष पूर्व विभाग द्वारा “पेचवर्क” के रूप में किया गया था। लेकिन यह कार्य भी महज़ औपचारिकता बनकर रह गया। कुछ महीनों में ही सारा डामर उखड़ गया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि या तो घटिया सामग्री का उपयोग हुआ या फिर नियमानुसार तकनीकी प्रक्रिया को दरकिनार किया गया। परिणामस्वरूप, आज सड़क पर डामर कम और गड्ढे अधिक दिखाई देते हैं। स्थानीय निवासी बताते हैं कि कई स्थानों पर तो डामर ढूंढना ही मुश्किल हो गया है। सड़क इतनी उखड़ी हुई है कि वाहन चालक थर्राते हुए रफ्तार कम कर चलते हैं, फिर भी गिरने या फिसलने का खतरा बना रहता है। दोपहिया वाहन चालक सबसे ज्यादा प्रभावित – रोज़ हो रही हैं दुर्घटनाएँ दर्जनों ग्रामीणों और दैनिक यात्रियों ने बताया कि इस मार्ग पर हर दिन दो से तीन छोटे-बड़े हादसे होते हैं। अधिकांश घटनाएँ दोपहिया वाहनों की फिसलन और अनियंत्रण के कारण होती हैं। घायल लोग स्थानीय स्तर पर निजी उपचार करवाकर चुपचाप रह जाते हैं, क्योंकि न तो कोई सुनवाई होती है और न ही प्रशासन कोई राहत मुहैया कराता है। आगामी दिनों में वर्षा ऋतु के आगमन की संभावना है, ऐसे में सड़क की दशा और भी खतरनाक हो जाएगी। गड्ढों में पानी भरने से उनका अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकेगा, जिससे वाहन चालकों के लिए और अधिक जोखिमपूर्ण स्थिति उत्पन्न होगी। पूर्व में पंचायत समिति की बैठक में उठा मुद्दा, फिर भी अधिकारी निष्क्रिय यह दुर्भाग्यजनक है कि इस गंभीर समस्या को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि पहले ही पंचायत समिति की साधारण सभा में यह मुद्दा उठा चुके हैं। प्रस्ताव पारित कर विभाग को अवगत कराया गया था कि यह मार्ग अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसकी मरम्मत प्राथमिकता पर की जानी चाहिए। बावजूद इसके विभागीय अधिकारियों की चुप्पी और निष्क्रियता से यह स्पष्ट हो गया है कि उन्हें क्षेत्र की जनता की तकलीफ से कोई सरोकार नहीं है।
स्थानीय नागरिकों में आक्रोश, जनआंदोलन की चेतावनी क्षेत्र के नागरिकों ने अब चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही इस सड़क की मरम्मत शुरू नहीं की गई, तो वे धरना-प्रदर्शन जैसे जनआंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। ग्रामीणों ने यह भी सवाल उठाया है कि आखिर टैक्स भुगतान के बावजूद मूलभूत सुविधाएँ क्यों नहीं मिल पा रही हैं? क्या ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों की देखरेख अब प्राथमिकता से बाहर कर दी गई है। प्रशासन से मांग – सड़क मरम्मत के लिए तुरंत जारी हो बजट, हो जवाबदेही तय स्थानीय नागरिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों ने संयुक्त रूप से जिला प्रशासन और संबंधित विभाग से यह मांग की है।सड़क की स्थिति का तत्काल निरीक्षण किया जाए। बारिश से पहले आपातकालीन मरम्मत कार्य करवाया जाए। पेचवर्क में हुई गड़बड़ियों की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों पर कार्रवाई हो।स्थायी समाधान के रूप में पूरे मार्ग का पुनर्निर्माण योजना में शामिल किया जाए। सज्जनगढ़ से कुशलगढ़ मार्ग क्षेत्र की जीवनरेखा है। इस मार्ग की दुर्दशा केवल यात्रियों की सुरक्षा ही नहीं, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक, शैक्षिक और सामाजिक विकास को भी प्रभावित कर रही है। प्रशासन की चुप्पी और उदासीनता अब आमजन के आक्रोश को भड़का रही है। यदि शीघ्र सकारात्मक पहल नहीं हुई, तो यह सड़क केवल गड्ढों की नहीं, प्रशासनिक संवेदनहीनता की भी प्रतीक बन जाएगी।ये जानकारी महेश सोनी ने दी।


WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now