सवाई माधोपुर 17 नवम्बर। दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र चमत्कारजी आलनपुर में धर्म आराधना के साथ महती धर्म प्रभावनापूर्वक चातुर्मास संपन्न करने के उपरांत मुनि नीरज सागर व निर्मद सागर ने समय आराधना चातुर्मास समिति सवाई माधोपुर के संयोजन में आलनपुर से 5 नवम्बर को पद विहार कर 17 नवम्बर रविवार को विभिन्न मार्गाे से होते हुए दिगम्बर जैन चन्द्रोदय तीर्थ क्षेत्र चांदखेड़ी (झालावाड) पहुंच मंगल प्रवेश किया।
निर्विघ्न पद विहार संपन्न होने एवं संत शिरोमणि, समाधि सम्राट आचार्य विद्यासागरजी के 53 वें आचार्य पदारोहण दिवस के उपलक्ष में चंद्रोदय तीर्थ क्षेत्र पर आचार्य छत्तीसी विधान मंडल पूजन का आयोजन किया गया। जिसमें सकल दिगम्बर जैन समाज सवाई माधोपुर के 61 महिला पुरुषों ने भाग लिया और तीर्थ क्षेत्र पर विराजित जिनेंद्र प्रतिमाओं सहित मुनि संघ के दर्शन वंदन कर पुण्यार्जन किया।
प्रवक्ता प्रवीण जैन ने बताया कि इस मौके पर आयोजित विधान की अष्ट द्रव्यों से संगीतमय पूजा की व आचार्य विद्यासागरजी का गुणानुवाद किया। वहीं भक्ति नृत्य पूर्वक मंडल पर श्रीफलयुक्त 36 अर्घ्य समर्पित कर भगवान आदिनाथ से मुनिसंघ की निर्विघ्न साधना की कामना की।
इस मोके पर मुनि निर्मद सागर ने देशना देते हुए कहा कि जिस व्यक्ति को अपने गुरु, आराध्य देव एवं प्राणी मात्र के प्रति निःस्वार्थ प्रेम होता है वह सम्यक दृष्टि होने के साथ मोक्षगामी होता है। इसी प्रकार मुनि नीरज सागर ने कहा कि धर्म की शरण में जाने से ही व्यक्ति का उद्धार संभव है। अंत में उन्होंने मुनिसंघ को विहार करने में दिए गए योगदान की सराहना करते हुए शांत, सौम्य व सादगी पूर्ण जीवन जीने की सीख दी और धर्म मार्ग पर चलने का सभी को आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम में चातुर्मास समिति पदाधिकारियों सहित मुनि भक्त मौजूद रहे।