बालिकाओं को सशक्त बनाने और उन्हें उचित अवसर दिए जाने की जरूरत – एडीजे ममता चौधरी


करौली 25 जनवरी। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय करौली में जागरूकता एवं बालिका सम्मान कार्यक्रम का आयोजन जिला प्रशासन, महिला, बाल अधिकारिता विभाग एवं एक्शनएड- यूनिसेफ करौली के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
जिला समन्वयक दिनेश कुमार बैरवा ने बताया है कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ममता चौधरी, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण(अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) ने बताया है कि राष्ट्रीय बालिका दिवस हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा 2008 में स्थापित यह दिवस बालिकाओं को सशक्त बनाने और उनकी सुरक्षा पर प्रकाश डालता है। सचिव ने नालसा हेल्पलाइन नंबर 15100 एवं बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाऐं और उनके संरक्षण के लिए विधिक सेवाऐं, नालसा तस्करी और वाणिज्यिक यौन शोषण पीड़ितों के लिए विधिक सेवाऐं, एसिड अटैक पीड़ितों के लिए कानूनी सहायता देने के लिए विधिक सेवा योजना सहित बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम की जानकारी दी। उपजिला मजिस्ट्रेट कौशल गर्ग ने कहा कि भारतीय समाज में लड़कियों के सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डालने के लिए हर साल राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और पोषण तक समान पहुंच पर जोर देना है, साथ ही लड़कियों के साथ अक्सर होने वाले अन्याय को सामने लाना है। थानाधिकारी रूकमणी गूर्जर ने कहा कि हम एक ऐसे देश में जहां लैंगिक असमानता, शिक्षा तक सीमित पहुंच, बहुत ज्यादा ड्रॉपआउट की दर, बाल विवाह और लिंग आधारित हिंसा बनी हुई है, इस पहल का महत्व और भी बढ़ जाता है। राष्ट्रीय बालिका दिवस का उद्देश्य लड़कियों के सामने आने वाली अनूठी चुनौतियों को सामने लाना है, साथ ही भेदभाव से निपटने के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। सहायक निदेशक, महिला अधिकारिता एवं बाल अधिकारिता विभाग रिंकी किराड़ ने बताया है कि यह दिन बालिकाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा और समग्र कल्याण के उनके अधिकारों की वकालत करता है, एक अधिक समावेशी और न्यायसंगत समाज को बढ़ावा देने का प्रयास करता है जो हर बालिका का पोषण और समर्थन करता है। यह दिन लोगों को बाल विवाह जैसे बुरी प्रथा को समाप्त करने के लिए प्रेरित करता है और लड़कियों को खुशहाल और स्वस्थ जीवन जीने के लिए आवश्यक सहायता हासिल करने में मदद करता है। एवं सुनिश्चित करना है कि हर लड़की को सशक्त, आत्मनिर्भर और निपुण महिला बनने के समान अवसर मिलें। अनिल शर्मा अध्यक्ष बाल कल्याण समिति ने बताया है कि शिक्षा लड़कियों के लिए उनके पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन में आगे बढ़ने का महत्वपूर्ण मार्ग है। जब लड़कियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलती है और वे अच्छे स्कूलों में जाती हैं, तो वे नए कौशल हासिल करती हैं, उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने की उनकी क्षमता बढ़ती है। बालिकाओं को सशक्त बनाने और उनकी सुरक्षा के लिए कानूनी उपायों में कई प्रमुख पहल शामिल हैं। बाल विवाह निषेध अधिनियम का उद्देश्य इसमें शामिल लोगों को दंडित करके बाल विवाह की प्रथा को खत्म करना है। यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम बाल दुर्व्यवहार से निपटने के लिए है। इसके कार्यान्वयन को और मजबूती से लागू करने के लिए साल 2020 में इसके नियमों में भी बदलाव किए गए के बारें में जानकारी दी। जिला युवा अधिकारी शरद त्रिपाठी ने माय भारत पोर्टल, सेवा से सीखें कार्यक्रमों के साथ केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। दिनेश कुमार बैरवा जिला समन्वयक एक्शनएड- यूनिसेफ करौली ने बताया है कि किशोर न्याय अधिनियम, जरूरतमंद बच्चों की देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करता है। मिशन वात्सल्य, लापता बच्चों की सहायता के लिए चाइल्ड हेल्पलाइन और ट्रैक चाइल्ड पोर्टल जैसी सेवाओं के साथ बाल विकास और सुरक्षा पर केंद्रित है। ट्रैक चाइल्ड पोर्टल साल 2012 से कार्यरत है। यह पोर्टल पुलिस स्टेशनों में रिपोर्ट किए गए श्लापताश् बच्चों का मिलान, उन श्पाए गएश् बच्चों के साथ करने की सुविधा प्रदान करता है, जो बाल देखभाल संस्थानों (सीसीआई) में रह रहे हैं। उन्होने बताया कि पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना, कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों की मदद करती है। इसके अलावा, एनआईएमएचएएनएस और ई-संपर्क कार्यक्रम के सहयोग से मानसिक स्वास्थ्य और चिकित्सा देखभाल भी प्रदान की जाती है। कुल मिलाकर ये सभी प्रयास एक साथ मिलकर भारत में लड़कियों के अधिकारों और कल्याण पर जोर देते हुए एक सुरक्षित वातावरण को बढ़ावा देते हैं। जिला समन्वयक ने बाल तस्करी, बाल शोषण, नशामुक्ति, सायबर अपराध, आदि पर प्रकार डला। अतिथियों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली प्रतिभाशाली बालिकाओं को पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। सहायक निदेशक रिंकी किराड ने बाल विवाह की रोकथाम को लेकर सभी को शपथ दिलाई। चाइल्ड हेल्प लाइन के पवन जागा ने चाइल्ड लाइन के कार्याे पर प्रकाश डाला। प्रधानाचार्य सविता मीणा ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस अवसर पर गोमती मीणा, सीमा चतुर्वेदी पर्वेक्षक महिला अधिकारिता विभाग सहित विद्यालय स्टाफ मौजूद रहें।


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