राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप जारी हुई प्रवेश नीति, इस बार समय पर शुरू होंगी कक्षाएं: प्राचार्य


कुशलगढ़|राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों को साकार करते हुए आयुक्तालय, कॉलेज शिक्षा, राजस्थान, जयपुर ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए नवीन प्रवेश नीति जारी कर दी है। इस नीति के अंतर्गत अब महाविद्यालयों में स्नातक प्रथम वर्ष (प्रथम सेमेस्टर) में प्रवेश की प्रक्रिया पूर्णतः ऑनलाइन होगी। आवेदन की प्रक्रिया 4 जून से प्रारंभ हो चुकी है जो 20 जून 2025 तक चलेगी। प्रवेश शुल्क जमा कराने की अंतिम तिथि 26 जून तय की गई है। प्रवेशित विद्यार्थियों की प्रथम सूची 28 जून को जारी की जाएगी तथा शिक्षण कार्य 1 जुलाई से आरंभ कर दिया जाएगा।
प्रवेश नीति में कई नवाचार किए गए हैं। अकादमिक अन्तराल की बाध्यता समाप्त कर दी गई है, वहीं टीएसपी क्षेत्र में स्थित महाविद्यालयों के लिए न्यूनतम विद्यार्थी संख्या के मानदंडों में 25 प्रतिशत की छूट दी गई है। सहशिक्षा महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्राओं को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें तीन प्रतिशत बोनस अंक देने का प्रावधान रखा गया है। ट्रांसजेंडर अभ्यर्थियों को न्यूनतम उत्तीर्णांक पर प्रवेश की सुविधा होगी। दिव्यांग विद्यार्थियों की संपूर्ण फीस माफ की गई है, हालांकि उन्हें निर्धारित समय में ई-मित्र पर ‘शून्य शुल्क टोकन’ कटवाना अनिवार्य रहेगा।कोरोना महामारी के दौरान माता, पिता अथवा महिला अभ्यर्थी के पति की मृत्यु होने पर भी न्यूनतम अंकों पर प्रवेश की सुविधा दी जाएगी। छात्राएं जो आत्मरक्षा में ब्लैक बेल्ट प्रमाणित हों, उन्हें प्रवेश में 5 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट मिलेगी। निर्धन विद्यार्थियों के लिए बुक बैंक की स्थापना का प्रावधान है। मुख्यमंत्री किसान शिक्षा प्रोत्साहन योजना के तहत पात्र कृषक परिवारों को राजकीय निधि की देय राशि से मुक्त किया गया है। साथ ही, राज्य निधि कोष से महिला अभ्यर्थियों को भी शुल्क में छूट दी जाएगी।
राज्य सरकार की यह मंशा है कि इस बार प्रवेश प्रक्रिया समयबद्ध रूप से पूर्ण हो और सेमेस्टर प्रणाली के अनुरूप कक्षाएं एवं परीक्षाएं नियमित रूप से संचालित की जा सकें। आरक्षण व्यवस्था के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग,विशेष पिछड़ा वर्ग तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए क्रमशः 16, 12, 21, 5 और 10 प्रतिशत आरक्षण रहेगा। कुल स्वीकृत सीटों में से 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण महिलाओं के लिए सुनिश्चित किया गया है।महाविद्यालय के प्राचार्य महेन्द्र कुमार देपन ने बताया कि “राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की दिशा में यह एक महत्त्वपूर्ण कदम है। इस वर्ष समय पर प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण हो जाने से विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण एवं नियमित शिक्षण सत्र का लाभ मिलेगा। समेकित प्रयासों से हम जनजातीय अंचल में उच्च शिक्षा की पहुँच और गुणवत्ता को सुदृढ़ बनाएंगे।”

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