अधिवक्ताओं ने सीएम योगी के नाम एसडीएम बारा को सौंपा ज्ञापन


कौशांबी में ब्राह्मण परिवार पर हुए अत्याचार के विरुद्ध किया न्याय की मांग

प्रयागराज। जनपद कौशाम्बी में एक ब्राह्मण परिवार पर स्थानीय पुलिस और ग्राम प्रधान द्वारा किए गए अत्याचार के मामले ने तूल पकड़ लिया है। पीड़ित परिवार का आरोप है कि स्थानीय पुलिस ने प्रधान प्रतिनिधियों के इशारे पर पक्षपात करते हुए परिवार को बिखेर दिया। इस मामले में पीड़ित परिवार के बेटे को झूठे केस में जेल भेज दिया गया था, जबकि पिता न्याय के लिए जहर खाकर थाने पर पहुंचे, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।पीड़ित परिवार ने मुख्यमंत्री से न्याय की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा है, जिसमें 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए। परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। मामले की एसआईटी जांच कराई जाए। दोषियों को सेवा से बर्खास्त किया जाए और पीड़ित परिवार पर दर्ज एफआईआर को निरस्त किया जाए। परिवार का मानना है कि इससे प्रदेश के ब्राह्मण परिवारों में वर्तमान सरकार और कानून व्यवस्था के प्रति मजबूत सुरक्षा और न्याय की संतोषजनक भावना जागृत हो सकेगी।ज्ञापन की प्रतिलिपि उप मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार लखनऊ, जिलाधिकारी प्रयागराज और पुलिस कमिश्नर प्रयागराज को भी सौंपी गई है। अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं और पीड़ित परिवार को न्याय मिलता है या नहीं।कौशांबी में ब्राह्मण परिवार पर पुलिस द्वारा किए गए अत्याचार के विरुद्ध सोमवार को तहसील बारा प्रयागराज में अधिवक्ताओं द्वारा ज्ञापन दिया गया, जिसमें एडवोकेट रूपेश त्रिपाठी, प्रदीप कुमार द्विवेदी, ओमप्रकाश मिश्र, रत्नाकर पांडेय, राहुल तिवारी, अरविंद दुबे, शुभम मिश्र, देवेंद्र मिश्र, संजीत सिंह, जावेद अख्तर आदि मौजूद रहे।


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