कैंसर के लक्षणों की जल्दी पहचान से ही उसका निदान संभव है: डॉ अनिल हेरूर
भीलवाड़ा। (पंकज पोरवाल) अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महिला संगठन की संजीवन सिद्धा (स्वास्थ समिति) ने 26 जनवरी को ज़ूम पर लड़ो और कैंसर का सामना करो (पिहीज ंदक ंिबम बंदबमत) पर वेबिनार लिया। संगठन के पूर्व अध्यक्ष, सभी राष्ट्रीय पदाधिकारी सहित देश के 27 प्रदेश व नेपाल चैप्टर सहित शहरों व गावो से ४०० से अधिक लोगो ने जुड़ कर लाभ लिया। महेश वंदना एव दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का आग़ाज़ राष्ट्रीय मंत्री श्रीमती ज्योति राठी द्वारा किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती मंजू बाँगड़ द्वारा स्वागत उद्बोधन दिया गया। बाँगड ने बताया कि कैंसर पर सेमिनार अत्यधिक जरूरी है क्योंकि यह एक लाइलाज बीमारी समझी जाती है व प्रतिवर्ष 12.8 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। सूत्र संचालन राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रभारी श्रीमती कुंतल तोषणीवाल ने किया। तोषणीवाल ने बताया कि 4 फरवरी विश्व कैंसर दिवस है वह 8 मार्च महिला दिवस इसीलिए दोनों महीने पूरा देश कैंसर को समर्पित करेगा। कैंसर से जंग जीतने हेतु सभी प्रदेशों जिलों व गांव में कैंसर पर सेमिनार, मैमोग्राम, जांच शिविर, स्वस्थ जीवन शैली जीने के तरीके, प्रश्नोत्तरी के माध्यम से, फिल्म व पोस्टर दिखा कर कैंसर के प्रति जागरूक किया जाएगा व कैंसर से किस तरह से बचा जा सकता है यह जानकारी कारण से लेकर निवारण तक दी जाएगी। सर्वाइकल कैंसर के वैक्सीन को भी लगवाया जाएगा। मुख्य वक्ता डॉ अनिल हेरूर (सुप्रसिद्ध रोबोटिक कैंसर सर्जन मुंबई) का परिचय पश्चिमांचल सह प्रभारी रीना राठी ने दिया। डॉ हेरूर ने पीपीटी के जरिए बहुत ही सरल भाषा में कैंसर के प्रकार, कौनसे कैंसर महिलाओं में व कौनसे पुरुषों में अधिक होते है, उनका प्राथमिक अवस्था में लक्षण पहचानकर इलाज करवाने से रिस्क फैक्टर किस तरह कम कर सकते है बताया। उनके अनुसार खानपान व जीवन शैली ठीक करने से भी बहुत राहत पा सकते है। थायरॉइड व सर्वाइकल कैंसर की भी विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 200 प्रकार के कैंसर होते हैं जिनमें से 10ः अनुवांशिक हो सकते हैं पर स्वस्थ दिनचर्या के रहते उन्हें शरीर में घर करने से रोका जा सकता है। कैंसर के लक्षणों की जल्दी पहचान से ही उसका निदान संभव है इसीलिए शरीर के प्रति सतर्क रहना अत्यंत आवश्यक है। कार्यक्रम में दक्षिणांचल सह प्रभारी डॉ अल्पना लढ़ा ने कार्यक्रम का सार बताते हुए कहा कि यदि शरीर में कोई भी ऐसे बदलाव हो रहे हो जो स्वाभाविक न लगे उनकी तरफ गौर किया जाना जरूरी है। उत्तरांचल सह प्रभारी सुजाता राठी, व पूर्वांचल सह प्रभारी अर्चना तापड़िया द्वारा श्रोताओं की जिज्ञासाओं को शांत करने हेतु चैट बॉक्स में आये प्रश्न पूछे गए। जिनके उत्तर डॉ हेरूर ने बखूबी दिए। मध्यांचल सह प्रभारी श्रीमती प्रतिभा नत्थानी के आभार ने सभी का दिल जीत लिया। जूम उपलब्ध करवाने हेतु श्रीमती अंजलि तापड़िया व सफल जूम संचालन हेतु श्रीमती भाग्यश्री चांडक व सपना लाहोटी का आभार ज्ञापित किया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम की समाप्ति की गई।