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Mahkumbh-2025: मेला क्षेत्र में शिविरों को मिलेंगी सभी सुविधाएं,तीन-तीन बार किया जाएगा सत्यापन

Mahkumbh-2025: मेला क्षेत्र में शिविरों को मिलेंगी सभी सुविधाएं,तीन-तीन बार किया जाएगा सत्यापन

सत्यापन के माध्यम से संस्थाओं को समस्त सुविधाएं मिल रहीं या नहीं, किया जाएगा सुनिश्चित; 12 जनवरी से 4 फरवरी, 5 फरवरी से 12 फरवरी और 13 फरवरी से 26 फरवरी के मध्य होगा सत्यापन

Mahkumbh-2025: महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ 2025 को भव्य और दिव्य बनाने में जुटी योगी सरकार यहां मेला क्षेत्र में लगने वाले शिविरों को भी तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। इसमें शौचालय से लेकर पीने योग्य पानी की आपूर्ति और बिजली आपूर्ति जैसी आवश्यक सेवाएं भी सम्मिलित हैं। सुविधा पर्ची के माध्यम से यह सभी सुविधाएं मिल रही हैं या नहीं, इसको लेकर योगी सरकार ने पारदर्शी प्रक्रिया के तहत सत्यापन की व्यवस्था की है। हालांकि, इसे और मजबूती देने के लिए मेला प्राधिकरण की ओर से सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट को निर्देशित किया गया है कि वे पूरे मेला के दौरान तीन बार सभी संस्थाओं का सत्यापन करेंगे, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें वे सभी सुविधाएं मिल रही हैं या नहीं जिसकी उन्हें आवश्यकता है। ये तीनों सत्यापन अलग-अलग समय में किए जाएंगे।

पूरे 45 दिन चलेगी सत्यापन की प्रक्रिया
प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट को दिए गए निर्देशों में कहा गया है कि भूमि और सुविधा आवंटन सॉफ्टवेयर में जितनी संस्थाओं को भूमि और सुविधाओं का आवंटन हुआ है, उनका समय सारणी के अंतराल पर कम से कम तीन बार सत्यापन कर अपडेट किया जाए। पहले सत्यापन 12 जनवरी से 4 फरवरी के मध्य किया जाना निर्धारित है, जबकि दूसरा 5 फरवरी से 12 फरवरी के मध्य और तीसरा सत्यापन 13 फरवरी से 26 फरवरी के मध्य किया जाएगा। इसमें संस्था का नाम, औसतन कल्पवासियों की संख्या, संस्था द्वारा किए गए भंडारों तथा भंडारों में प्रतिभागियों की संख्या, संस्था द्वारा किए गए प्रवचनों की संख्या, संस्था में अनुमानित आगंतुकों की संख्या और संस्था द्वारा कितनी अवधि के लिए शिविर लगाया गया जैसे विवरण का सत्यापन किया जाएगा। इस तरह 45 दिन चलने वाले मेला के दौरान पारदर्शी तरीके से सत्यापन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
सॉफ्टवेयर में फीड किया जाएगा डाटा
इस सत्यापन का उद्देश्य यही है कि जिन संस्थाओं को भूमि एवं सुविधाएं आवंटित की गई हैं, उनके द्वारा दिए प्रस्ताव के क्रम में गतिविधियां हो रही हैं कि नहीं, इससे उनका सत्यापन हो जाएगा तथा उन संस्थाओं का अपडेट भी सॉफ्टवेयर पर फीड हो जाएगा। यही नहीं, संस्थाओं को सुविधाओं एवं अन्य के संबंध में डाटा ड्रिवेन सिस्टम किए जाने में भी आसानी होगी। इसके अलावा सुविधा पर्ची में क्षेत्रफल एवं सुविधा का उपयोग दिए गए व्यवस्थानुसार हो रहा है अथवा नहीं, अनुबंधित आपूर्तिकर्ताओं द्वारा कार्य पूर्ण किया गया है या नहीं, यह भी पता चल सकेगा जिससे भुगतान की प्रक्रिया नियमानुसार पूर्ण की जा सकेगी।