33 लाख से निर्मित अमृत सरोवर का अमृत पी गए जिम्मेदार


लाखों खर्च के बाद भी अपनी बेरुखी के आंसू बहा रहा सुरवल साहनी का अमृत सरोवर

लापरवाही और भ्रष्टाचार की लिखी गई पटकथा

जल संकट से जूझ रहे जीव, जंतु,पशु ,पक्षी,मानव

प्रयागराज। जनपद के यमुनानगर विकासखंड शंकरगढ़ के ग्राम सभा सुरवल साहनी में बना अमृत सरोवर आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है, लेकिन वजह उसकी सुंदरता नहीं, बल्कि उसका सूखा होना है। 33 लाख रुपये की लागत से बने इस सरोवर में पानी नहीं है, जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान को सबसे बड़ा दोषी ठहराते हुए कहा है कि उनकी लापरवाही के कारण नहर से अमृत सरोवर तक नाली नहीं बनवाई गई है, जिससे पानी नहीं पहुंच पा रहा है और सरोवर का उद्देश्य ही विफल हो गया है। ग्रामीणों ने मांग की है कि जल्द से जल्द नहर से अमृत सरोवर तक नाली बनवाई जाए और ग्राम प्रधान के खिलाफ कार्रवाई की जाए।ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। ग्राम प्रधान की लापरवाही के कारण ग्राम पंचायत सुरवल साहनी में विकास पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अमृत सरोवर योजना के तहत लाखों की लागत से बनाये गये सरोवर की योजना थी कि सरोवर में हमेशा पानी भरा रहे लेकिन रखरखाव के अभाव में सूख गया है। सरोवर में पानी न होने की वजह से मानव क्या जीव जंतु पशु पक्षी भी जल के संकट से जूझ रहे हैं।अब देखना होगा कि ब्लॉक और जिले में बैठे अधिकारी ग्रामीणों की मांग पर कितनी जल्दी कार्रवाई करते हैं और अमृत सरोवर को उसकी खोई हुई शान वापस दिला पाते हैं या नहीं। फिलहाल ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है और वे जल्द समाधान की मांग कर रहे हैं। ग्राम प्रधान की लापरवाही के कारण ग्राम पंचायत के विकास पर सवाल खड़े हो रहे हैं और ग्रामीणों को न्याय मिलने की उम्मीद है। अब देखना होगा कि अधिकारियों की कार्रवाई से ग्रामीणों की समस्या का समाधान होगा या नहीं।

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