अमृत कलश यात्रा: तीसरे दिन प्राचीन मंदिरों में जलाभिषेक


प्रयागराज।राजदेव द्विवेदी। अमृत कलश यात्रा के तीसरे दिन श्रद्धालुओं ने बारा क्षेत्र के विभिन्न प्राचीन मंदिरों में जलाभिषेक किया। इस पवित्र यात्रा के दौरान सुजावन महादेव भीटा, सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर भटपुरवा, मन कामेश्वर मंदिर लाला पुर, सिद्धपीठ मंदिर छिड़ी और प्राचीन शिव मंदिर सोनबरसा में विशेष पूजा-अर्चना की गई।
प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्व
भाजपा नेता योगेश शुक्ल ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि बारा क्षेत्र प्राचीन मंदिरों का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। उन्होंने सुजवान देव मंदिर, जो यमुना की धारा के पास स्थित है, और मन कामेश्वर मंदिर, जो पहाड़ की चोटी पर स्थित है, को इस क्षेत्र की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक धरोहर बताया। योगेश शुक्ल ने विशेष रूप से छिड़ी गांव सभा के पहाड़ियों पर स्थित सैकड़ों साल पुराने मंदिर का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह मंदिर विशाल और प्राचीन नींव पर आधारित है, जो इस क्षेत्र के गौरवशाली इतिहास को दर्शाता है। उन्होंने पुरातत्व विभाग से आग्रह किया कि इस मंदिर के अवशेषों और दीवारों का गहन अध्ययन किया जाए, ताकि यह पता लगाया जा सके कि किन परिस्थितियों में यह मंदिर क्षतिग्रस्त हुआ। उन्होंने रामगढ़ सोनबरसा के शिव मंदिर और बेलन-टौंस के संगम को भी उल्लेखनीय बताते हुए कहा कि ये स्थान अपने प्राकृतिक सौंदर्य से हर किसी को आकर्षित करते हैं। इस यात्रा में कमलेश मिश्रा, राजीव गिरी, अरुण मिश्रा, शंकर लाल पांडेय (प्रधान), राजीव पाण्डेय, हरी कांत, राकेश शुक्ल, आचार्य योगेश जी सहित कई श्रद्धालु शामिल रहे। सभी ने भक्ति भाव से भगवान शिव का जलाभिषेक किया और क्षेत्र की धार्मिक विरासत को संरक्षित करने का संकल्प लिया।


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