पानी प्रकृति का अमूल्य उपहार, जिसका संरक्षण हम सभी की जिम्मेदारी


सवाई माधोपुर 24 फरवरी। सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित के पावन आशीर्वाद से एक नवीन जागृति एवं सेवा के दिव्य प्रकाश का संदेश लेकर आई जिसके अंतर्गत अमृत प्रोजेक्ट के स्वच्छ जल, स्वच्छ मन के तीसरे चरण का आयोजन विश्वभर में हुआ और उसी के साथ अमृत सरोवर सवाई माधोपुर में किया गया।
इस अवसर पर निरंकारी सेवादल व निरंकारी वॉलिंटियर द्वारा सरोवर एवं उसके आसपास के क्षेत्र में अभियान चलाया गया जिसमें स्वंयसेवकों तालाब व आसपास की गंदगी को साफ किया, इसी प्रेरणा के साथ, इस वर्ष तृतीय चरण को और अधिक व्यापक, प्रभावी एवं दूरगामी दृष्टि से आगे बढ़ाया गया है, ताकि यह अभियान निरंतर विस्तार पाकर समाज में जागरूकता, सेवा और समर्पण की एक सशक्त लहर उत्पन्न करे।
मीडिया सहायक संत निरंकारी मंडल, सवाई माधोपुर प्रज्जवल प्रजापति ने बताया कि 27 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के 1650 से अधिक स्थानों पर, 10 लाख से भी अधिक सेवाभाव से ओत-प्रोत स्वयंसेवक भक्तों ने एक साथ इस पुनीत अभियान को साकार किया। यह दृश्य केवल प्राकृतिक स्वच्छता तक सीमित न रहकर, अंतर्मन को निर्मल और पवित्र करने की एक आध्यात्मिक यात्रा का सुंदर प्रतीक बन गया। प्रत्येक श्रद्धालु की समर्पित उपस्थिति इस बात का प्रमाण थी कि जब प्रेम, सेवा और समरसता का दिव्य संगम होता है, तब प्रकृति भी नवजीवन का अनुभव करती है।
सतगुरु माता ने जल की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए समझाया कि पानी अमृत समान है, जिसे प्रकृति ने हमें जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपहार के रूप में प्रदान किया है। इसकी स्वच्छता और संरक्षण केवल एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हमारी स्वाभाविक आदत होनी चाहिए। हम अक्सर अनजाने में अपशिष्ट और गंदगी को जल स्रोतों या अन्य स्थानों पर डालकर प्रदूषण को बढ़ावा देते हैं, जिससे पर्यावरण को हानि होती है। इसी चिंतन से प्रेरित होकर, ‘प्रोजेक्ट अमृत‘ जैसी सामाजिक पहल की शुरुआत की गई है, जो जल संरक्षण और स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।


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