सूरौठ। तहसील मुख्यालय पर स्थित राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में व्याप्त अव्यवस्थाओं से गुस्साए लोगों ने बुधवार को अस्पताल के सामने विरोध प्रदर्शन किया तथा स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। लोगों ने चेतावनी दी है कि अस्पताल में लैब टेक्नीशियन एवं डॉक्टरों के रिक्त पदों से चरमराई चिकित्सा व्यवस्था में तीन दिन में सुधार नहीं किया गया तो सूरौठ एवं आसपास के गांवों के ग्रामीण भरतपुर गंगापुर स्टेट मेगा हाईवे पर जाम लगाने के लिए मजबूर होंगे। लोगों ने चिकित्सा महकमें के अधिकारियों एवं कलेक्टर से रिक्त चल रहे लैब टेक्नीशियन एवं डॉक्टर के पदों को भरवाने एवं अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाओं में सुधार करवाने की मांग की है।
हिंडौन देहात ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता प्रमोद तिवाड़ी, युवक कांग्रेस नेता राहुल मीणा, रिंकू मंजर, खुशवंत मीणा, उपसरपंच श्यामसुंदर सैनी, पूर्व जिला परिषद सदस्य सत्येंद्र जाटव, जय सिंह मीणा, लोकेश मीणा, पिंटू मीणा, सोनू सेन भुकरावली, हरि मोहन कोली, परशुराम कोली, कल्ली खटीक, मोनू सैन, बृजवासी सौमला सहित काफी लोग बुधवार को सुबह 8:00 बजे के करीब कस्बे के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर एकत्रित हुए तथा विरोध प्रदर्शन किया। लोगों ने बताया कि कस्बा सूरौठ के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में राज्य सरकार ने डॉक्टरों के 6 पद स्वीकृत कर रखे हैं लेकिन पांच पद लंबे समय से रिक्त चल रहे हैं। अस्पताल में केवल चिकित्सा प्रभारी डॉ रोहित मित्तल ही कार्यरत है। डॉ मित्तल जब अवकाश पर होते हैं अथवा किसी विभागीय बैठक में चले जाते हैं तो अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह ठप हो जाती है। लोगों ने बताया कि डॉ रोहित मित्तल 4 दिन से अवकाश पर थे जिसके कारण अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था ठप हो गई। मरीजों को चार दिन तक बिना उपचार कराए ही लौटना पड़ा। हालांकि चार दिन अवकाश पर रहने के बाद बुधवार को सुबह 9 बजे के करीब डॉ मित्तल अस्पताल पहुंचे तथा इलाज के लिए भटक रहे मरीजों का उपचार किया। लोगों ने बताया कि अस्पताल में कार्यरत रहे लैब टेक्नीशियन सतीश शर्मा की 10 दिन पहले सेवा निवृत्ती हो जाने के कारण लैब टेक्नीशियन का पद भी रिक्त हो गया है। 10 दिन से लेब में बीमारियों की जांच नहीं हो रही है। लोगों को विभिन्न बीमारियों की जांच करवाने के लिए 15 किलोमीटर दूर हिंडौन जाना पड़ रहा है। अस्पताल के टॉयलेट भी गंदे पड़े हुए हैं। स्वास्थ्य केंद्र पर करीब 25 हजार की आबादी वाले सूरौठ कस्बे एवं तहसील क्षेत्र के 50 से अधिक गांवों की चिकित्सा व्यवस्था की जिम्मेदारी है। अस्पताल में लैब टेक्नीशियन एवं चिकित्सकों के पद रिक्त होने एवं अव्यवस्थाओं के चलते मरीजों को चिकित्सा सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है।