साहित्यकारों को किया सम्मानित
साहित्य समाज का दर्पण है, सत्साहित्य का सृजन समाज को योगदान-स्वामी हरि चैतन्य महाप्रभु
कामवन के पवित्र विमल कुंड स्थित हरि कृपा आश्रम पर श्री हरि कृपा पीठाधीश्वर स्वामी हरी चैतन्यपुरी जी महाराज के पावन सानिध्य में बृजवानी साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था कामवन का वार्षिकोत्सव व राधाष्टमी पर्व धूमधाम से सम्पन्न हुआ । कार्यक्रम का शुभारंभ श्री महाराज जी के द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया । श्री महाराज जी ने अपने ओजस्वी प्रवचन में कहा कि साहित्य समाज का दर्पण होता है । प्रभु कृपा से माँ सरस्वती कवि के हृदय में विहार करती है तो सत्साहित्य का सृजन स्वाभाविक लोकहित में होने लगता है । रागद्वेष से रहित निश्वार्थ भाव से यदि प्रभु भक्ति ,राष्ट्र भक्ति , गुरू भक्ति, मातृ पितृ भक्ति से ओतप्रोत जो रचना होगी को कालजयी होगी ।
संस्था के अध्यक्ष दुलीचंद लोधा सभी सदस्यों के साथ मिलकर श्री महाराज जी का स्वागत किया । कार्यक्रम में पंकज प्रखर द्वारा गणेश वंदना, कैलाश सोनी स्वर्णिम द्वारा मां शारदे वंदना, रामकिशन दुश्मन द्वारा कृष्ण वंदना,सर्वोत्तम त्रिवेदी लघु द्वारा राधा वंदना व कमल सिंह कमल द्वारा ब्रज की वंदना प्रस्तुत कर कार्यक्रम का विधिवत आगाज किया गया। मुकुट बिहारी शर्मा माणिक द्वारा स्वागत भाषण से सभी का अभिनंदन किया। कमल सिंह कवि के अनुसार
श्रीमती बीना वर्मा, डॉ प्रीति, संजय शर्मा, मधुर जैन, नेमचंद खंडेलवाल ,संजय जैन,प्रकाश चंद पाराशर व जगतार सिंह खान सूरजापुर,सोहनलाल शर्मा डीग, हरिओम शर्मा नगर, गोविंद भारद्वाज पैगाम वाले पलवल,वेद प्रकाश वेद को श्री महाराज जी के कर कमलों से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साहित्यकार, कवि गण के साथ-साथ खेमराज खंडेलवाल ,उमाशंकर शर्मा ,प्रहलाद सिंह गुर्जर,शिखर चन्द जैन बड़जात्या, यतेंद्र पाण्डेय ,सुरेश चतुर्वेदी सुमनेश, अपना घर सेवा समिति, जायंट्स ग्रुप आफ कॉमवन,चामड़ मंदिर समिति, कामवन जीव सेवा संस्थान के सदस्य व पदाधिकारी गण उपस्थित रहे।