श्री हरि चैतन्य महाप्रभु का आगमन तथा भव्य स्वागत

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स्वामी श्री हरि चैतन्य महाप्रभु का अग्रिम जन्मोत्सव कामां 12 मई को धूमधाम से मनाया जाएगा

कामां 10 मई|विश्व प्रसिद्ध संत व कामवन की पावन धरा के लाल व गौरव श्री हरि कृपा पीठाधीश्वर स्वामी श्री हरि चैतन्य पुरी जी महाराज देश के विभिन्न प्रान्तों में आयोजित विराट धर्म सम्मेलनों की अध्यक्षता करके लाखों भक्तों का मार्गदर्शन करने के बाद आज श्री हरि कृपा आश्रम कामां में पधारे। विशाल भक्त समुदाय द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया ।

12 जून को परम पूज्य श्री महाराज जी का पावन प्राकट्योत्सव जन्मोत्सव हमेशा की भाँति भारत सहित सम्पूर्ण विश्व के 360 से भी अधिक स्थानों पर मनाया जाएगा । श्री महाराज जी के पावन सानिध्य में 9-12 जून श्री हरि कृपा धाम आश्रम गढीनेगी काशीपुर उत्तराखंड में विराट धर्म सम्मेलन का आयोजन होगा । 12 अप्रैल से ही श्री महाराज जी जहां भी पधार रहे हैं हरि भक्त धूमधाम से जन्मोत्सव मना रहे हैं । 12 मई को प्रातः 9 बजे से 1 बजे तक श्री हरि कृपा आश्रम कामां में भी श्री महाराज जी का पावन जन्मोत्सव श्रद्धालु धूमधाम से मनायेंगे ।

इस अवसर पर रामचरितमानस पाठ, हवन व यज्ञ का भी आयोजन होगा ।

उल्लेखनीय है कि अनेक भाषाओं के ज्ञाता श्री महाराज जी देश भर की हज़ारों मील की पद यात्रा करके लोगों को नदियों के प्रदूषण,गौहत्या व गायों की दुर्दशा,नशा व बुरे व्यसनों,ढोंग,पाखंड व अंधविश्वासों के विरुद्ध जागरूकता पैदा कर चुके हैं । सियोल ओलंपिक स्टेडियम सियोल दक्षिण कोरिया में आयोजित विश्व धर्म संसद व यूनिवर्सल पीस कांफ्रेंस जिसमें 102 देशों के प्रतिनिधि, अनेक राष्ट्राध्यक्ष व सवा लाख लोग एकत्रित हुए उसमें भारत का प्रतिनिधित्व करके श्री महाराज जी ने भारत का गौरव बढ़ाया।महाराज जी को बेस्ट स्पिरिचुअल लीडर ऑफ़ इण्डिया,इन्टरनेशनल बेस्ट स्पिरिचुअल लीडर इन हिन्दू मैथलॉजी, पर्यावरण रत्न, ब्रिटिश पार्लियामेंट के हाउस ऑफ़ कॉमंस में भारत गौरव व ताशकंद में इंटरनेशनल एक्सीलेंस अवॉर्ड इन पीस एंड डिवोशन के अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है ।लाखों लोग अपने शराब आदि बुरे व्यसनों को महाराज जी के संपर्क में त्याग चुके हैं व त्याग रहे हैं। एक दर्जन से अधिक भाषाओं के ज्ञाता व करोड़ों लोगों के पथ प्रदर्शक स्वामी हरि चैतन्य महाप्रभु कोई व्यवसायिक कथा वाचक नहीं बल्कि लोगों की भावनाओं के बल पर ही देश विदेश में जाते रहे हैं व जाते रहेंगे ।लगभग सम्पूर्ण विश्व में ही महाराज जी धर्मप्रचारार्थ जाते रहे हैं। संपूर्ण भारत वर्ष की पदयात्रा करके व हर क्षेत्र में जाकर भारतीय अध्यात्म का डंका बजाते रहे हैं व बजाते रहेंगे ।

आज भगवान परशुराम जी का पावन जन्मोत्सव भी श्री हरि कृपा आश्रम तीर्थराज विमल कुण्ड पर धूमधाम से मनाया गया व उनकी महिमा का गायन किया गया।


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