मां दुर्गा के हाथी पर आगमन से आएगी समृद्धि वहीं प्रस्थान से आपदा व तबाही का संकेत
प्रयागराज। ब्यूरो राजदेव द्विवेदी। पुराणों में नवरात्रि की माता दुर्गा के अलग-अलग वाहनों का वर्णन मिलता है।शेर के अलावा मां दुर्गा के अन्य वाहन भी हैं हाथी,घोड़ा,नाव, पालकी, भैंसा वा मनुष्य। मां दुर्गा के आगमन और प्रस्थान की सवारी लोगों के जीवन में शुभ व अशुभ का असर डालती है। देवी भागवत पुराण के मुताबिक देवी दुर्गा का हाथी पर आगमन अत्यंत शुभ माना जाता है हाथी वाहन धन-धान्य और सुख समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।जब भी नवरात्रि का पहला दिन रविवार या सोमवार को पड़ता है तो देवी मां का वाहन हाथी रहता है। इस साल देवी मां जहां हाथी पर सवार होकर आएंगी वहीं प्रस्थान मुर्गा पर होगा यह वहां शुभ नहीं माना जाता यह वाहन दुख तकलीफ और कष्ट का संकेत देता है। वही नवरात्रि यदि मंगलवार या शनिवार को शुरू होती है तो मां का वाहन घोड़ा होता है जो सत्ता परिवर्तन का संकेत देता है। गुरुवार या शुक्रवार से शुरू होने पर मां डोली पर बैठकर आती हैं जो रक्तपात ,तांडव ,जनधन हानि का संकेत बताता है। वहीं बुधवार के दिन नवरात्रि शुरुआत होने पर मां नाव पर सवार होकर आती हैं नाव पर सवार मां का आगमन शुभ माना जाता है।
मां दुर्गा के प्रस्थान की सवारी और उनके संकेत
नवरात्रि का समापन अगर रविवार व सोमवार के दिन हो रहा है तो मां दुर्गा भैंसे पर सवार होकर जाती हैं जिसे अशुभ माना जाता है यानी देश में शोक और रोग की बढ़ोतरी होगी। वहीं शनिवार और मंगलवार को नवरात्रि का समापन हो तो मां मुर्गा पर सवार होकर जाती हैं जो दुख और कष्ट की वृद्धि की ओर इशारा करता है। बुधवार और शुक्रवार को नवरात्रि समाप्ति होती है तो मां की वापसी हाथी पर होती है जो अधिक वर्षा की ओर संकेत करता है अगर नवरात्रि का समापन गुरुवार को हो रहा है तो मां मनुष्य के ऊपर सवार होकर जाती है जो सुख शांति वैभव वृद्धि की ओर इशारा करता है। इस साल नवरात्र पूरा 9 दिन का होगा तिथि की हानि न होने की वजह से 15 अक्टूबर रविवार से प्रारंभ होकर 23 अक्टूबर सोमवार तक मां दुर्गा की पूजा विधि विधान से संपन्न हो 24 अक्टूबर मंगलवार को मां की विदाई एवं विजयादशमी दशहरा का उत्सव मनाया जाएगा।