जमाना नहीं व्यक्ति की सोच बदली – आर्यिका विकक्षाश्री

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जमाना नहीं व्यक्ति की सोच बदली – आर्यिका विकक्षाश्री

सवाई माधोपुर 23 जुलाई। दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र चमत्कारजी आलनपुर में ससंघ चातुर्मासरत गणाचार्य विरागसागर सागरजी की शिष्या व गणिनी आर्यिका विज्ञाश्री की आज्ञानुवर्ती आर्यिका विकक्षाश्री माता ने विशुद्धमती सभागार में धर्मोपदेश देते हुए कहा कि आज जमाना नहीं बदला बल्कि व्यक्ति की सोच बदलती जा रही है।
उन्होने कहा कि सोच के अनुसार वस्तु उस रूप दिखाई देती है। दुःख की मूल जड़ व्यक्ति की सोच और इच्छा है। व्यक्ति को अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण करना सीखना चाहिए। व्यक्ति की सोच में स्वार्थपना नहीं होना चाहिए, स्वार्थवश किया गया धर्म फलदाई नहीं होता है। नजारे बदलोगे तो किनारे बदल जायेंगे। मिथ्या दृष्टि की नहीं, सम्यक दृष्टि की सोच बनाओ। क्योंकि एक मिनट में जिंदगी नहीं मिलती लेकिन एक मिनट की सोच पूरी जिंदगी बदल देती है। चमत्कारजी मंदिर के पंडित आशीष जैन शास्त्री ने धर्म सभा के मंच का संचालन किया।
सकल दिगंबर जैन समाज के प्रवक्ता प्रवीण जैन ने बताया कि आर्यिका संघ के सान्निध्य सुबह साढ़े आठ बजे प्रवचन, दोपहर तीन बजे तत्वार्थ सूत्र का पाठन एवं सायंकाल सवा सात बजे आनंद यात्रा आदि प्रेरक धार्मिक आयोजन होते है। आर्यिका संघ के सान्निध्य एवं 21 वें विज्ञामय चातुर्मास समिति के संयोजन में 26 जुलाई से 48 दिवसीय भक्तामर स्त्रोत पाठ का आयोजन 48 दीपार्चना के साथ सायं साढ़े सात से साढ़े आठ बजे तक होगा।


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