कुशलगढ|बडोदिया में अष्टान्हिका महापर्व पर होने वाले श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान में अष्टकुमारीया देंगी विविध प्रस्तुतीया। शाश्वत पर्व अष्टान्हिका महापर्व के आठ दिनों में सिद्धो की आराधना भक्ति अचर्ना करने का धर्मलाभ आर्यिका विज्ञानमति माताजी की परम शिष्या आर्यिका सुयशमति माताजी,आर्यिका उदितमति माताजी व आर्यिका रजतमति माताजी के पावन सानिध्य एवं शुभम भैया शुभांशु बडामहल के कुशल निर्देशन में श्रीसिद्धचक्र महामंडल विधान अवसर बडोदिया जैन समाज को मिला है । विधान में अष्टकुमारी का पुण्य अर्जन वाली खुशी जैन, प्रियांशी जैन परी जैन,तन्वी जैन, हेली जैन, हिरल जैन,आर्ची जैन,सृष्टि जैन,सर्वश्री जैन पात्रों का चयन किया गया । इस महाआरधना में बडोदिया जैन समाज से प्रत्येक घर में इन्द्र इद्राणी बन श्रद्धालु आर्यिका संघ के सानिध्य में विश्व मंगल की कामना हेतु भक्ति करेंगे ।
पूण्य को गाढा करने का अपूर्व अवसर आया-आर्यिका संघ
आर्यिका सुयशमति माताजी द्वारा प्रात:काल की कक्षा, आर्यिका उदितमति माताजी द्वारा दोपहर व आर्यिका रजतमति माताजी द्वारा सांय होने वाली धार्मिक कक्षा में श्रद्धालुओं को बताया कि चातुर्मास में सभी ने व्रत उपवास, तप के माध्यम से पूर्ण्य कार्य किया है इस पूण्य को और गाढा करने का एक अपूर्व अवसर आया है । उन्होंने कहा कि सिद्धो की भक्ति, आरधना तो हर समय हर श्रावक करता है परंतु जो सामुहिक रूप से भक्ति होती है उस भक्ति में भाव पूर्वक सभी चैत्यालयो के दर्शन होते है यह भी एक पूण्य की महिमा है।