सह आचार्य रामकेश आदिवासी ने बाली, इंडोनेशिया वियतनाम में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में पत्रवाचन और काव्य पाठ किया

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राजकीय महाविद्यालय गंगापुर सिटी के सह आचार्य रामकेश आदिवासी ने बाली, इंडोनेशिया वियतनाम में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में किया पत्रवाचन और काव्य पाठ।

गंगापुर सिटी। स्थानीय राजकीय महाविद्यालय गंगापुर सिटी में संस्कृत विभागाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय आदिवासी एकता मंच के राष्ट्रीय सचिव रामकेश मीना ” आदिवासी ” ने बाली इंडोनेशिया में “आई गुस्ती बागस सुग्रीव स्टेट हिंदू यूनिवर्सिटी देनपसार बाली इंडोनेशिया एवं साहित्य संचय शोध संवाद संस्थान दिल्ली (भारत) ” के सयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में ” भारतीय परम्परा में आदिवासी संस्कृति” विषय पर अपना शोधपत्र वाचन किया और देनपसार शहर में इंटरनेशनल डिवाइन लवर्स सोसाइटी परमधाम आश्रम -देनपसार इंडोनेशिया द्वारा आयोजित काव्य संध्या में काव्य पाठ किया । संगोष्ठी का आयोजन दिनांक 14 व 15 जून 2024 को किया गया । इस आयोजन में संस्कृत साहित्य के अनुरागी शिक्षाविद सह आचार्य रामकेश आदिवासी को बाली इंडोनेशिया वियतनाम की इस अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में शोधपत्र प्रस्तुतु करने हेतु आमंत्रित किया गया था ।

पत्र वाचन के लिये श्री मीना को प्रमाण पत्र व पुरस्कार देकर सम्मानित किया तथा काव्य संध्या में उत्तम काव्य पाठ करने पर “परमधाम आश्रम “देनपसार इंडोनेशिया के द्वारा इनको “गलूगन कल्चरल अवार्ड “से भी सम्मानित भी किया गया । इस दश दिवसीय अकादमिक व शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम में श्री मीना द्वारा दिनांक 13 जून से 18 जून तक इण्डोनेशिया के विभिन्न नगरो यथा बाली,कुटा , देनपसार , कुबु, बेनोआ, तुबान का भ्रमण कर वहा की साहित्यिक, सांस्कृतिक धार्मिक पृष्ठभूमि की गवेषणा की गई तथा कुटा प्रदेश के उलुवात में स्थित विश्व प्रसिद्ध हिंदू समुंदरी मंदिर “उलुवातु ” में विशुद्ध हिन्दु परम्परा पर आधारित “केचक डान्स ” जो कि श्री राम के चरित्रांकन पर आधारित है को देखा तथा तम्बपक श्रृंगी में “तिरथा इम्पुल “भारतीय संस्कृति पर आधारित मन्दिर के दर्शन किये । इसी क्रम में शैक्षणिक भ्रमण के अंतर्गत वियतनाम देश का भी तीन दिवसीय भ्रमण किया गया और वहा बाऊ तेंग चुंग के “वार रिमेन्ट म्यूजियम व हो ची मिन्ह सिटी में “प्रेसीडेन्ट स्टेच्यू व माई थो में स्थित “तंग रिवर और त्रा मत ओंग डेल्टा का अवलोकन किया । इससे पूर्व आदिवासी सेमिनारों में पत्रवाचन कर देश व प्रदेश का नाम रोशन कर चुके है तथा 30 से अधिक राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय अकादमिक संगोष्ठीयो मे पत्रवाचन भी कर चुके हैं ।
यह सवाई माधोपुर करौली परिक्षेत्र राजस्थान का प्रथम अवसर है की सरकारी सेवा में कार्य करते हुए श्री मीना को पहली बार अतर्राष्ट्रीय सेमीनार में पत्रवाचन का अवसर मिला है जो शिक्षाविदों में एक प्रेरणा स्रोत का कार्य होगा । विश्व पटल पर देश व प्रदेश का नाम रोशन करने पर प्रदेश के सैकड़ो शिक्षाविदो ने ,विभिन्न संस्थानों ने तथा सामाजिक व शैक्षणिक संस्थानों व आम नागरिकों ने श्री रामकेश आदिवासी को बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित की है ।

 


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