शाहपुरा में झूलेलाल भगवान का असू चेटीचंड महोत्सव 16 को, शोभायात्रा निकलेगी, सिंधी समाज के प्रतिष्ठान रहेगें बंद
शाहपुरा|सिंधी समाज शाहपुरा की ओर से पूज्य सिंधी पंचायत शाहपुरा के तत्वावधान में 16 अक्टूबर 23 सोमवार को आराध्य भगवान झुलेलालजी की स्तुति में असू चेटीचंड महोत्सव का आयोजन समारोह पूर्वक किया जायेगा। इसकी तैयारियां कर ली है। सोमवार को शाहपुरा में समाज की ओर से शोभायात्रा भी निकाली जायेगी। दिन भर के कार्यक्रमों के लिए नवयुवक मंडल के युवाओं को जिम्मेदारी दी गई है। शाहपुरा में इस बार असू चेटीचंड महोत्सव के मौके पर पेसवानी परिवार की ओर से झूलेलाल भगवान का अभिषेक कर चांदी का छत्र व मुकुट चढ़ाया जायेगा। चांदी का छत्र विधि विधान के साथ चढ़ाया जायेगा। इस दौरान अभिषेक व हवन होगा। इसके बाद वाहन रैली निकलेगी।
पूज्य सिंधी पंचायत शाहपुरा के अध्यक्ष लक्ष्मण पेसवानी ने बताया कि उक्त कार्यक्रम की तैयारियां पूरी कर ली है। उन्होंने बताया कि शनिवार को नवयुवक मंडल के सदस्यों से विचार विमर्श करके उनको जिम्मेदारी देकर कमेटियों को अंतिम रूप् दिया है।
पूज्य सिंधी पंचायत शाहपुरा सचिव मोहन केवलानी ने बताया कि सोमवार को प्रातः 9 बजे- भगवान श्री झुलेलाल जी का अभिषेक एवं छत्र मुकुट का चढ़ावा, पेसवानी परिवार की ओर से होगा। इसके बाद प्रातः 10.00 बजे- सिंधी समाज के नवयुवक एवं महिलाओं द्वारा वाहन रेली निकाली जायेगी जो दिलखुशाल बाग स्थित झूलेलाल मंदिर से रवाना होकर बालाजी की छतरी, सदर बाजार, कुंडगेट, सिंधी कॉलोनी, भीलवाड़ा रोड़, बस स्टेड, कलिजंरीगेट, बालाजी की छतरी होकर पुनः झूलेलाल मंदिर पर संपन्न होगी। सांय 4 बजे दिलखुशाल बाग स्थित झूलेलाल मंदिर में झंडारोहण, भजन कीर्तन, सत्संग, प्रसाद वितरण व छेज तथा पूज्य बहराणा साहब का आयोजन, सरकारी नौकरी प्राप्त करने वालों का सम्मान। उन्होंने बताया कि सांय 6 बजे- श्री झूलेलाल मंदिर से पूज्य बहराणा साहब अखंड ज्योति की शोभायात्रा प्रांरभ होगी जो बालाजी की छतरी, सदर बाजार, कुंडगेट होकर संत कंवर राम धर्मशाला के पास स्थित पिवणिया तालाब पर समाप्त होगी। जुलूस में सिंधी समाज के महिला पुरूष नाचते व भजन करते ज्योति का विर्सजन करेगें। रात्रि 8.30 बजे- संत कंवर राम धर्मशाला, पिवणिया तालाब के पास में आम भंडारा का आयोजन होगा।
पूज्य सिंधी पंचायत ने बताया कि चेटीचंड पर आयोजित सभी कार्यक्रमों में समस्त समाजबंधुओं का भाग लेना अनिवार्य है। सभी झुलेलाल मंदिर पंहुचकर कार्यक्रम की शोभा बढाएगें। इस दिन समाज के लोग अपना व्यवसाय भी दिनभर बंद रखेगंे।