सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शंकरगढ़ में डॉक्टरों ने बांह पर काली पट्टी बांधकर जताई संवेदना

Support us By Sharing

शांति सभा में नो-सेफ़्टी, नो-ड्यूटी के संग उठी न्याय की गूंज

प्रयागराज।जब कभी अन्याय की आग धधकती है, तो उसके शोलों से न्याय की पुकार भी उठती है। ऐसा ही कुछ शनिवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शंकरगढ़ अस्पताल में हुआ।जब सफेद कोट में लिपटे हुए रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपने हाथों में बैनर थामकर अस्पताल के गलियारों में गूंजती अपनी आवाज़ों को बुलंद किया। कोलकाता में घटित दर्दनाक घटना, जिसमें एक महिला डॉक्टर का दुष्कर्म कर उसकी निर्मम हत्या कर दी गई। यहां के डॉक्टरों के दिलों में क्रोध और भय दोनों को ही जगा दिया है।नो-सेफ़्टी, नो-ड्यूटी—इन शब्दों ने जैसे अस्पताल के वातावरण को एक नई दिशा दी। डॉक्टरों ने अपने भीतर उमड़े हुए भावों को नारों के माध्यम से व्यक्त किया, जिनमें पीड़िता के लिए न्याय की गहरी तड़प थी। उनके हाथों में उठे बैनरों पर लिखे गए शब्द केवल कागज़ पर उकेरे गए अक्षर नहीं थे, बल्कि हर अक्षर में दर्द और आक्रोश की एक कहानी बसी थी। अस्पताल का परिसर मानो जहां हर कदम पर न्याय की मांग और सुरक्षा की पुकार गूंज रही थी। स्वास्थ्य कर्मियों ने हाथों में काली पट्टी बांधकर एक शांति सभा की लेकिन इस शांति के पीछे एक गहरा आक्रोश था। हर कदम जैसे इंसाफ के लिए उठता प्रतीत हो रहा था, और हर नारा उस महिला डॉक्टर की आत्मा की आवाज़ बन गया था, जो अब इस दुनिया में नहीं है। महिला डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ ने प्रशासन से सुरक्षा की मांग की। उनका कहना था कि डॉक्टरों की सुरक्षा केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता है। शांति सभा के दौरान डॉक्टरों ने कहा, कोलकाता की घटना ने हमें भीतर तक हिला कर रख दिया है। अब समय आ गया है कि सरकार और प्रशासन इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करें और डॉक्टरों की सुरक्षा को सुनिश्चित करें। अगर आज यह आवाज़ अनसुनी की गई, तो कल को शायद ही कोई यह आवाज़ उठाने वाला बचे। शांति सभा ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि जब अन्याय होता है, तो उसके खिलाफ आवाज़ उठाने वालों की कमी नहीं होती। लेकिन अब देखना यह है कि इस आवाज़ को सुनने वाला और न्याय की राह पर कदम बढ़ाने वाला कौन होगा ? बता दें कि इस घटना के प्रति सीएचसी अधीक्षक डॉक्टर अभिषेक सिंह ने पूरे स्टाफ के सहित हाथों में काली पट्टी बांधकर संवेदना व्यक्त करते हुए अस्पताल पर आए हुए मरीजों की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराते हुए जांच परीक्षण कर औषधि उपलब्ध करवाया। आगे उन्होंने कहा कि आम आदमी का इसमें क्या दोष है हमारी संवेदना इस घटना के प्रति है लेकिन मानवता के नाते आए हुए मरीजों का उपचार करना भी हमारी प्राथमिकता में है।


Support us By Sharing
error: Content is protected !!