अधिकांश कार्यालय कक्षों में लटका रहा ताला साहब के हिदायत के बाद भी मातहथ बेफिक्र लोग परेशान
प्रयागराज। जनता से मिलने के समय हाकिम तो मौजूद मगर अधीनस्थ कर्मचारी नदारत। अधिकांश कार्यालय कक्षों पर ताला लटकता रहा। जिम्मेदार के अधीनस्थ कर्मचारी गायब रहे। यह नजारा जनपद के यमुनानगर खंड विकास मुख्यालय शंकरगढ़ का है। शासन के निर्देशों के मुताबिक खंड विकास अधिकारी समेत मुख्यालय के सभी कार्यालय प्रातः 9:00 बजे तक खुलने चाहिए। जबकि 9:30 बजे से खंड विकास अधिकारी को कार्यालय में बैठकर 10:30 बजे तक जनता से मिलने का समय निर्धारित किया गया है। इसका कितना पालन हो रहा है इसकी हकीकत जानने के लिए मीडिया टीम गुरुवार को 10:15 बजे एवं शुक्रवार को 10:30 बजे ब्लॉक मुख्यालय शंकरगढ़ के परिसर पर लगातार 2 दिन दस्तक दिया तो खंड विकास अधिकारी का कक्ष खुला मिला और फरियादियों की जन समस्याओं को सुनते हुए नजर आए। सहायक विकास अधिकारी शंकरगढ़ हरिदेव पटेल के कार्यालय पर ताला लटक रहा था और वह नदारत थे। बता दें कि ब्लॉक के अधिकांश कार्यालय कक्षों पर ताला ही लटकता मिला और उन पर कार्यरत विभागीय जिम्मेदार समय पर कार्यालय नहीं पहुंच सके थे। पता चला कि इन लोगों के कभी कभार ब्लॉक पर दर्शन हो पाते हैं।एडीओ समाज कल्याण गुलजार सिंह की गैर मौजूदगी के बाबत बताया गया कि वह विकासखंड जसरा का भी प्रभार संभाल रहे हैं। जबकि मौजूद लोगों द्वारा बताया गया कि जसरा में सोमवार से बुधवार 3 दिन तथा शंकरगढ़ में गुरुवार से शनिवार 3 दिन रूटिंग के हिसाब से दोनों ब्लॉक का कार्यभार संभालते हैं। हाला कि गुरुवार और शुक्रवार के दिन शंकरगढ़ कार्यालय पर नजर नहीं आए। मौजूद लोगों ने नाम न छापने के शर्त पर कहा कि ईद के चांद का दर्शन तो मुमकिन है मगर समाज कल्याण साहब का दर्शन मुश्किल से होता है कभी कभार आते हैं मगर खाना पूर्ति करके छूमंतर हो जाते हैं। मीडिया टीम के पहुंचने की आहट लगते ही बाद में धीरे-धीरे इक्का-दुक्का कर्मचारी ही अपने कार्यालयों पर पहुंचने शुरू हुए। प्रचंड गर्मी में लंबा रास्ता तय करके पहुंचे फरियादियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि खंड विकास अधिकारी रामविलास राय के अलावा कभी और कोई साहब अपने दफ्तर में बैठते ही नहीं कोई-कोई साहब अगर दिखाई भी देते हैं तो एसी रूम में दरवाजा बंद करके बैठे दिखेंगे लेकिन अंदर से कमरा नहीं खुलेगा। ऐसे में इधर-उधर परिसर में हम लोगों को भटकना पड़ता है महिलाओं को अगर बाथरूम जाना हो तो महिला प्रसाधनों की ब्लॉक में कोई व्यवस्था नहीं है।और गला तर करने के लिए इस प्रचंड गर्मी में पानी के लिए भटकना पड़ता है। ऐसा प्रतीत होता है कि सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के ईमानदार छवि को बदनाम करने के लिए साहब के अधीनस्थ अधिकांश कर्मचारी मंसूबा बना लिए हैं और समय से नदारत रहते हैं। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि उच्च अधिकारियों की ऐसे बेपरवाह कर्मचारियों पर कब नजर पड़ेगी और कब होगी इनके ऊपर उचित कार्यवाही पूछती है जनता।