नवीन काष्ठ रथ को अपने कांघो से खींचकर सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के स्वप्न को साकार किया एवीएस के सदस्यों ने


भव्य काष्ठ रथ अर्पण समारोह में शामिल हुए वागड़ के श्रद्धालु; नवीन रथ के दर्शन कर हर कोई हुआ प्रसन्नचित्त

बड़ोदिया, अरुण जोशी: वीरोंदय तीर्थ पर भव्य काष्ठ रथ अर्पण समारोह संपन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत भगवान के अभिषेक और शांतिधारा से हुई तद पश्चात भगवान के चित्र का अनावरण एवं दीप प्रज्वलन हुमड समाज के अध्यक्ष दिनेश खोड़निया, वीरोदय तीर्थ के अध्यक्ष मोहनलाल पिंडारमिया, धनपाल लालावत, अनिल जैन ने किया। गुरुदेव के पाद प्रक्षालन का सौभाग्य दिनेश खोड़निया परिवार, गुरुदेव को शास्त्र भेट का सौभाग्य धनपाल लालावत एवं माताजी को शास्त्र भेट का सौभाग्य सौरभ जैन परिवार को मिला। एवीएस परिवार प्रवक्ता संकेत जैन ने बताया कि समारोह में रथ निर्माणकर्ता देवीलाल पंचाल, हुमड समाज के अध्यक्ष दिनेश खोड़निया, रथ में सर्वाधिक दान दातार नितेश गांधी परिवार, प्रथम मुख्य छत्र दातार पंकज अजित धीरावत परिवार एवं द्वितीय छत्र पुण्यार्जक संगीता सुरेश खोड़निया परिवार बाहुबली कॉलोनी ओर अंतिम में रथ के लोकार्पण कर्ता प्रदीप लक्ष्मीलाल पचौरी परिवार तथा का विशिष्ट सम्मान किया गया।इसी बीच एवीएस परिवार के अध्यक्ष राजेश गांधी परिवार ने अपने पोता होने के उपलक्ष में वीरोंदय तीर्थ को भव्य रजतमय पालना भेट करने की घोषणा की ।
सभी जनसमूह रथ लोकार्पण स्थान पर पहुंचकर लोकार्पण का इंतजार करते दिखे। गुरुदेव अजीतसागर जी एवं आर्यिका विज्ञानमति माताजी के पावन सानिध्य में रथ लोकार्पण कर्ता प्रदीप लक्ष्मीलाल पचौरी परिवार ने बटन दबाकर रथ का लोकार्पण कर सभी श्रद्धालुओं को रथ के दर्शन कराए और जैसे ही चारों ओर से ढके रथ का अनावरण हुआ तीन सो अधिक बेलुन रथ से निकल कर आसमान की ओर उड़ने लगे ।
नए काष्ठ रथ एवं गंधकुटी को गाजे बाजे के साथ वीरोंदय परिसर में भ्रमण कराया गया।कार्यक्रम में कालिंजरा, बड़ोदिया, बागीदौरा,नौगामा, कुशलगढ़, डडूका,परतापुर, तलवाड़ा, सेनावसा,घाटोल, छोटी सरवन,खादु कॉलोनी, कमर्शियल कॉलोनी चंदू जी का गडा, मुनि संघ सेवा समिति, पुलक मंच, सुमतिनाथ मंडल के पंच महानुभव ने शिरकत की। समय की बर्बादी नई पिंढी को निगल रही है-आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के परम शिष्य मुनि श्री अजित सागर जी महाराज ने कहा कि समय की बर्बादी नई पीढ़ी को निगल रही है। समय रहते नहीं संभले तो आगे बुरा हाल होगा। युवा चकाचौंध भरी जिंदगी में मोज मस्ती करते इतना मशगूल हो गया कि उसे आने वाले कल के परिणाम का भान तक नहीं है। यह विचार मुनि श्री अजीत सागर जी महाराज ने वीरोदय तीर्थ पर आयोजित भव्य काष्ठ रथ अर्पण समारोह के दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के स्वप्न को साकार-एवीएस अध्यक्ष राजेश गांधी व लोकेश शाह ने बताया कि जैन धर्म में एक कथन आता है कि सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य को 16 सपने आए थे उनमें से एक सपना था । तरुण बछड़े छोटे-छोटे बछड़े बैलगाड़ी को खींच रहे हैं। इसका अर्थ सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य को उनके गुरु भद्रबाहु स्वामी महाराज ने बताते हुए कहा था कि पंचम काल में ऐसा समय आएगा कि धर्म का रथ युवा खींचेंगे,धर्म को आगे बढ़ाने में युवाओं का सबसे ज्यादा योगदान रहेगा । इसी को सार्थक करते हुए एवीएस परिवार के युवाओं ने रथ अर्पण समारोह में वीरोदय को रथ अर्पण करने के साथ ही अपने कंधों से रथ को खींचते हुए पूरे वीरोदय परिसर में भ्रमण कराया तो सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के सपने को साकार करते हुए देख हर कोई जैन धर्म की जय कारा लग रहे थे। इस दौरान उपस्थित सकल वागड जैन समाज के श्रद्धालुओं ने रथ एवं युवाओं की धर्म के प्रति जागरूकता की खूब अनुमोदना की। मुनि संघ एवं आर्यिका संघ का विहार-दोपहर में मुनि श्री अजीत सागर जी महाराज ससंघ एवं आर्यिका विज्ञान मति माताजी ससंघ का बांसवाड़ा के लिए विहार हुआ । धर्म ध्वजा लिए गाजे बाजे के साथ एवीएस परिवार के सदस्यों विहार कराया ।


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