विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर किया जागरूक
नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दिया संदेश
सवाई माधोपुर 4 अक्टूबर। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस प्रत्येक वर्ष 10 अक्टूबर को मानसिक स्वास्थ्य शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है साथ ही विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह का आयोजन 4 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक किया जाता है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ धर्मसिंह मीना ने बताया की भारत की कुल जनसख्या मे से 10 से 12 प्रतिशत लोग मानसिक बीमारियों से ग्रस्त हैं। हर साल विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के लिए एक थीम रखी जाती है। इस बार की थीम – मानसिक स्वास्थ्य एक सार्वभौमिक मानव अधिकार है, रखी गई है। इसी थीम पर पूरे विश्व में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ गौरव चंद्रवंशी ने बताया की मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के अंतर्गत जन जागरूकता रैली, विभिन्न स्थानों पर नुक्कड़ नाटकों का प्रदर्शन, प्रदर्शनी, स्कूलों में मानसिक बीमारियो तथा नशा मुक्ति विषय पर सगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा, पोस्टर प्रतियोगिता सहित विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। पोस्टर प्रतियोगिता में किसी भी आयुवर्ग के व्यक्ति भाग ले सकते है। अपनी प्रविष्टि जिला चिकित्सालय के कमरा नंबर 126 में जमा करवा सकते हैं।
इसी के तहत बुधवार को जिला चिकित्सालय परिसर में नुक्कड़ नाटक का आयोजन कर मरीजो व आमजन को जागरूक किया गया। सप्ताह भर इन नुक्कड़ नाटकों का विभिन्न स्थानों पर आयोजन कर आमजन को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। साथ ही नाश मुक्ति को लेकर हस्ताक्षर अभियान के तहत सभी के द्वारा नशा न करने के लिए हस्ताक्षर किए गए।
उन्होने बताया की महामारी के वैश्विक स्वास्थ्य पर पड़े प्रभाव की वजह से अवसाद संबंधी मामलों में 28 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जबकि चिंता को लेकर होने वाली परेशानियों में 26 प्रतिशत इजाफा हुआ है। महामारी की वजह से भय, अलगाव और जीवन तथा आय की हानि होने के कारण मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होने के नए मामले देखे गए है।भागती दौड़ती जिंदगी में शरीर की थकान एक आम बात है। कभी-कभी थकान की वजह से हम किसी शारीरिक बीमारी का भी शिकार बन जाते हैं। शारीरिक बीमारी सभी को नजर आती है या कम से कम पीड़ित को इसके बारे में पता होता है कि वे बीमार है और उसे इलाज की जरुरत है लेकिन मानसिक बीमारी या मानसिक रूप से अस्वस्थ होने पर कभी-कभी उस व्यक्ति को भी पता नहीं चलता, जो खुद इस बीमारी से जूझ रहा होता है। ऐसे में मेंटल हेल्थ को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति अपने हर काम में 100ः देने में समर्थ होता है तो वही मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति अपने कामों को पूरा करने में असमर्थ व अक्षम रहता है।वह मानसिक तनाव से भरा होता है मानसिक बीमारी के चलते लोगों के हितों व परिवारों के बीच बड़ी समस्याएं उभरने लगती है। ना जाने कितने लोग इस समस्या के चलते आत्महत्या कर लेते हैं और दुर्घटना हो जाने के बाद हम जान पाते हैं उसके उन्होने कहा कि यदि आपसे कोई अपनी समस्या साझा करता है तो आपको उसकी बातों को नजरंदाज ना करके गौर से समझना चाहिए हो सकता है ऐसा करके आप एक दुर्घटना को टाल सके।