जीवन अनमोल तोहफा, इसे खत्म ना करें
सवाई माधोपुर, 10 सितम्बर। मंगलवार को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस का आयोजन किया गया।इस अवसर पर जागरुकता रैली निकाली गयी, रैली को डिप्टी सीएमएचओ डॉ अनिल जैमिनी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में एएनएम ट्रेनिंग सेंटर व जीएनएम ट्रेनिंग सेंटर के छात्र छात्राओं ने फ्लेक्स, तख्तियों को हाथ मे लेकर मुख्य रास्तों से निकल कर आमजन को जागरूक किया गया।
इस अवसर पर जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रुकमकेश मीना, जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुधीन्द्र शर्मा, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम नोडल अधिकारी डॉ गौरव चंद्रवंशी मौजूद रहे। विभिन्न प्रकार के स्लोगन एवं बैनर के द्वारा आत्महत्या के बचाव एवं उपचार के बारे मे आमजन को जानकारी दी गई। उपस्थित सभी स्टाफ को आत्महत्या रोकथाम के लिए शपथ दिलाई गई। साथ ही निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमे हर्ष अग्रवाल प्रथम, निशा चौधरी द्वितीय, निशा पहाड़िया तृतीय रहे।
जिला नोडल अधिकारी (एनएमएचपी) ने बताया कि जीवन कुदरत की बनाई सबसे अनमोल चीज है, इसके बावजूद इंसान इसे खत्म करने के बारे मे सोचता रहता है।
उन्होंने बताया की हर साल मौत को गले लगाने वाले लाखों लोग कई कारणों से आत्महत्या करते हैं, पूरी दुनिया में होने वाले इन सुसाइड की वजह से न सिर्फ एक परिवार बल्कि एक समुदाय और पूरा देश प्रभावित होता है। रिपोर्ट के अनुसार साल 2016 में खुदकुशी करने वाले ज्यादातर लोगों की उम्र 15 से 29 बताई गई है।चौकाने वाली बात यह है कि आत्महत्या करने वाले 80ः लोग शिक्षित व नौजवान (15-39 साल) होते है व किसी ना किसी मानसिक रोग से पीड़ित (90ः) होते है।आत्महत्या का प्रयास चाहे किसी भी कारण से की गई हो,परिवारजनों, दोस्तो व मनोचिकित्सकिय उपचार द्वारा रोका जा सकता है। जीवन अनमोल है, इसे यूही व्यर्थ में ना गवाए।मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर की हेल्पलाइन 8046110007/1800-18000-18 पर मनोरोग एवं नशामुक्ति समबन्धित परामर्श ले सकते हैं।
आत्महत्या के बचाव के उपाय
मनोरोग विशेषज्ञ से सलाह लें
अपने पास किसी बंदूक, चाकू या किसी खतरनाक हथियार या ड्रग आदि को ना रखें, उन चीजों की तलाश करें जो आपको खुशी देती हैं, जैसे परिवार के साथ या जिन दोस्तों को आप पसंद करते हैं उनके साथ रहना। जो आपके पास अच्छी चीजें करने को हैं अपना ध्यान उनपर केंद्रित करने की कोशिश करना। सेल्फ-हेल्प ग्रुप में उपस्थित होना ,यहा आप उन लोगों के साथ अपनी समस्याओं पर चर्चा कर सकते हैं, जो इन समस्याओं को समझ सकते हैं। अन्य लोगों से मदद मांगें और उनकी मदद करने की कोशिश करें, जिनको यहीं समस्या है। परिवार से सहारा प्राप्त करना। उदाहरण के लिए परिवार का मरीज से पूछना कि उनको कैसे महसूस हो रहा है और मरीज को डॉक्टर के पास उनके साथ चलने के लिए बोलना
शराब व अन्य गैर-कानूनी दवाओं का सेवन करने से बचना। खुद अलगाव में रहने से बचें और जितना हो सके बाहरी दुनिया से जुड़े रहें। व्यायाम करना। संतुलित और स्वस्थ भोजन का सेवन करना। 24 घंटे में लगातार 7-8 घंटे की नींद ले।