बनेठा थाना क्षेत्र बना अवैध बजरी खनन माफिया का अड्डा
जिला पुलिस अधीक्षक के निरीक्षण के बाद भी बजरी माफियाओं पर नहीं लगा कोई अंकुश
उनियारा। सुरेंद्र शर्मा/अशोक कुमार सैनी। टोंक जिले के बनेठा पुलिस थाना क्षेत्र में इन दिनों खुलेआम अवैध बजरी खनन माफिया की सक्रीयता को लेकर चर्चा का केंद्र बना हुआ है। बजरी खनन माफिया भी अवैध रूप से बजरी से भरे हुए ट्रैक्टरों ट्रॉली को बनेठा थाना क्षेत्र से खुलेआम भरकर दूसरे गांव में पहुंचा रहे हैं । था थाना क्षेत्र बजरी माफिया के लिए एक तरह से सुरक्षित क्षेत्र बना हुआ है पुलिस की बढ़ती निष्क्रियता ही बजरी माफिया के लिए वरदान साबित हो रही है। पुलिस की निष्क्रियता इन बजरी माफिया के लिए क्यों है आखिरकार क्यों पुलिस इन पर कार्रवाई करने के बजाय मुकदर्शक बनी हुई है इसका अंदाजा पुलिस की कार्यशैली से ही लगाया जा सकता है। कि विगत दिनों ही बनेठा थाना क्षेत्र का जिला पुलिस अधीक्षक राजश्री राज द्वारा निरीक्षण किया गया था इसके बावजूद भी बनेठा थाना क्षेत्र में बजरी माफिया पर कोई अंकुश लगता दिखाई नहीं दे रहा है । नेता थाना क्षेत्र में ही बजरी माफिया चैन की नींद ले पाते हैं ऐसा बजरी खनन माफिया से जुड़े लोगों से एव चाय पान कि दुकानों पर आम चर्चा के दौरान खुलेआम सुनने को मिल रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण यहां पर खुलेआम देखा जा सकता है, इससे साफ जाहिर हो रहा है कि पुलिस की बजरी खनन माफियाओं के साथ गहरी सांठगांठ है,
आमतौर पर देखा जा रहा है कि थाना क्षेत्र के आसपास बजरी माफिया से जुड़े दलालों का समूह घूमता रहता है एवं बनेठा क्षेत्र में आम जगह पर चाय पानी की दुकानों पर खुलेआम चर्चा है कि एक ट्रैक्टर महीने तक चलाओ ₹5000 महीना मंथली दे दो और खुलेआम चलाओ ऐसी चर्चाएं क्षेत्र में आए दिन सुनने को मिलती है। जानकारी में आए हैं कि इस थाना क्षेत्र से रोजाना एक सौ,डेढ़ सौ के करीब बजरी से भरे हुए ट्रैक्टर ट्राली खुलेआम चल रहे हैं जो मुंह मांगे दामों पर अन्य क्षेत्र में बजरी की सप्लाई अवैध रूप से कर रहे हैं इन्हें रोकने टाकने वाला कोई नजर नहीं आ रहा है। पुलिस को मोटी मंथली क्षेत्र में बजरी माफिया के माध्यम से ही मिल रही है मंथली की बंदर बाट सभी और जा रही हैं इससे जिम्मेदार मुकदर्शक बने हुए है ।वही आश्चर्यजनक बात तो यह है कि इन बजरी माफियाओं ने गांव-गांव में दलाल नियुक्त कर रखे हैं इन के माध्यम से ही निर्माण करताओ के पास बजरी के ट्रैक्टर ट्रॉली पहुंचते हैं इससे यह बजरी माफिया मुंह मांगे दामों पर इन दलालों के माध्यम से बजरी को बेच रहे हैं। इससे नव निर्माण करने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गांव में हालात यहां तक भी हो गए हैं कि जिस किसी को भी बजरी चाहिए पहले इन दलालों से मिलना पड़ता है जब जाकर ही बजरी मिलना पड़ता है ।