बांसिया की स्मृति संजोना पीढ़ी की जिम्मेदारी


खेलकूद प्रतियोगिता का भव्य शुभारम्भ

बांसवाड़ा|भील राजा बांसिया के आदर्श, त्याग और सन्देश को समझना जरूरी है। उनके सपनों का बांसवाड़ा बनाने के लिए सिद्धान्तों को आत्मसात करना होगा। यह बात पूर्व केबिनेट मंत्री महेन्द्रजीतसिंह मालवीया ने मंगलवार को खेलकूद प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह में कही। राजा भील बांसिया की स्मृति में हो रहे कार्यक्रमों की श्रृंखला में खेल स्टेडियम में फुटबाल, कबड्डी व तीरंदाजी प्रतियोगिता करवाई जा रही है। कार्यक्रम की अध्यक्षता गोविन्द गुरु जनजाति विश्वविद्यालय के कुलपति के एस ठाकुर ने की। कार्यक्रम में पूर्व मंत्री धनसिंह रावत ने राजकीय महाविद्यालय बांसवाड़ा का नाम राजा बांसिया के नाम करवाने तथा प्रतिमा स्थापना से लेकर उनके इतिहास को भावी पीढ़ी तक परोसने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। इस मौके पर अरविन्द सीता डामोर, दिलीप पारगी एवं भील राजा बांसिया आदिवासी संस्थान के अध्यक्ष रकमनाथ चरपोटा ने भी विचार व्यक्त किये। अतिथियों का स्वागत अजा-जजा छात्र संघ के सम्भागीय अध्यक्ष फुलशंकर चरपोटा, सम्भागीय महामंत्री प्रेमप्रतापसिंह मलविया, शैलेश चरपोटा, मणिलाल कामोल ने किया। इस मोके पर लालशंकर पारगी, विनोद निनामा, राकेश पटेल, वालजी अड़, दिलीप निनामा भी बतौर अतिथि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन विनोद पानेरी ने किया। आभार रकमचन्द चरपोटा ने व्यक्त किया। प्रतियोगिता में फूटबाल में 32, कबड्डी में 22 एवं तीरंदाजी 8 टीमें भाग ले रही हैं। मालवीया ने उद्घाटन की घोषणा एवं ध्वजारोहण किया।

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