25 करोड़ से बदलेगी बयाना स्टेशन की तस्वीर, होंगे पुनर्विकास कार्य

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25 करोड़ से बदलेगी बयाना स्टेशन की तस्वीर, होंगे पुनर्विकास कार्य

बयाना 6 अगस्त। अब बयाना रेलवे स्टेशन की भी तस्वीर बदली जाएगी। बयाना जंक्शन रेलवे स्टेशन पर 24 करोड़ 90 लाख रुपए की लागत से विभिन्न पुनर्विकास कार्य कर यात्री सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। जिनका आज रविवार को बयाना रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर पांडाल सजाकर आयोजित किए गए समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल शिलान्यास किया। उन्होंने वर्चुअल संबोधन में कहां की अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत अब देश के रेलवे स्टेशनों की तस्वीर बदल कर यात्री सुविधाओं का भी विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसा भारत और रेलवे के इतिहास में पहली बार होगा। उन्होंने कहां की अमृत भारत योजना के प्रथम चरण में देश के 508 रेलवे स्टेशनों को शामिल किया गया है। रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म पर बनाए गए विशाल पांडाल को सजाने व उसमें एल ई डी सिस्टम आदि लगाने पर भी भारी अपव्यय किया गया था । वही इस समारोह में शामिल होने आए लोग उमस भरी गर्मी में पीने के पानी के लिए भी तरसते रहे।समारोह में पूर्व विधायक बच्चू सिंह बंशीवाल व ग्यारसाराम कोली, वरिष्ठ भाजपा नेता मोहन शर्मा एडवोकेट, भाजपा मंडल अध्यक्ष जगमोहन खटाना व मानसिंह पटेल, बीरेंद्र सिंह सहित अन्य भाजपाई व रेलवे के अधिकारी एवं कर्मचारी आदि भी मौजूद रहे। इस कार्यक्रम को लेकर रेलवे प्रशासन की ओर से यहां कई दिनों से व्यापक तैयारियां की जा रही थी। कोटा रेल मंडल की ओर से भी रेलवे अधिकारियों व कर्मचारियों की विशेष टीम तैनात की गई थी ।समारोह में क्षेत्रीय सांसद रंजीता कोली को भी मुख्य अतिथि के बतौर शामिल होना था किंतु वह नहीं आ सकी। बताया गया कि वह भरतपुर के कार्यक्रम में गई है। इस समारोह में उनके पति होम चंद कोली भी मौजूद रहे।
संचालकों की रही मनमानी,,,,, कार्यक्रम का संचालन दो रेलवे कर्मियों ने किया जो कार्यक्रम का संचालन कम और अपने आप को एक्सपोज करने का काम ज्यादा कर रहे थे और कार्यक्रम की गरिमा व प्रोटोकॉल को भी भूल गए। इस कार्यक्रम में उनके मुंह लगे बाहरी लोगों का भी कुछ ज्यादा ही हस्तक्षेप होने पर भाजपाइयों में भी रोष देखा गया।
राजनैतिक रंग देने की कोशिश,,,,कार्यक्रम का संचालन कर रहे रेल कर्मियों की दूरदर्शिता व नासमझी के चलते यह कार्यक्रम सरकारी या सार्वजनिक कार्यक्रम के बजाय राजनीतिक कार्यक्रम ज्यादा लग रहा था। जिसे देख कार्यक्रम में शामिल होने आए नागरिकों में असंतोष और कानाफूसी होती रही थी।
उभरी गुटबाजी व खींचतान,,,,इस कार्यक्रम में भी भाजपा में व्याप्त गुटबाजी व खींचतान भी उभर कर आई। वही कई स्वयंभू नेता मंच के लिए कुछ ज्यादा ही लालायित रहे । जिन्हें बोलने तक का मौका नहीं मिल सका था।
वापस लौट गए जिलाअध्यक्ष,,,,, समारोह के आरंभ होने से पूर्व इस कार्यक्रम में भाजपा के जिला अध्यक्ष ऋषि बंसल भी अपनी पत्नी के साथ पहुंचे जो बाद में एक बंद कमरे में रेलवे अधिकारियों से कुछ बातें होने के बाद वापस लौट गए जिसे लेकर कार्यकर्ताओं में ही तरह-तरह की चर्चाएं रही।
पीएम के संबोधन के दौरान कुर्सियां छोड़ लौटे लोग,,,,,इस कार्यक्रम में काफी देर से ऊब रहे लोग पीएम का वर्चुअल संबोधन शुरू होने के बाद एक एक कर बीच में से ही उठकर चलते बने जिन्हें मौके पर तैनात रेलवे कर्मियों व पुलिसकर्मियों ने कुछ देर और बैठने व रोकने का प्रयास किया किंतु वह चले गए। और जब कुर्सियां खाली होने लगी तो उन्हें रेलवे कर्मियों व पुलिसकर्मियों ने बैठकर शोभा बढ़ाई।कार्यक्रम की शोभा व भीड़ जुटाने के लिए स्कूली बच्चों को भी बुलाया गया।


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